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सिरसा में उत्तरप्रदेश से आई गेहूं के खिलाफ किसानों ने दिया धरना, मंडी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग - सिरसा अनाज मंडी किसान धरना प्रदर्शन

सिरसा की फग्गू मंडी में पहुंचा उत्तर प्रदेश का मार्का लगा हुआ गेहूं को लेकर किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि वो गेहूं बिल्कुल खारब हो चुका है और उसे नष्ट करने के बजाए किसी ने सिरसा की अनाज मंडी में भेज दिया है.

sirsa wheat market Farmers protest
सिरसा में उत्तरप्रदेश से आई गेहूं के खिलाफ किसानों ने दिया धरना, मंडी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
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Published : May 19, 2021, 6:22 PM IST

सिरास: बीती 12 मई को जिले की फग्गू मंडी में पहुंचा उत्तर प्रदेश का मार्का लगा हुआ गेहूं को लेकर अनाज मंडी में किसानों ने इसका जमकर विरोध किया. किसानों का कहना है कि जो गेहूं उत्तर प्रदेश से लाया गया है वो 4-5 साल पुराना है और उसे नष्ट करने के बजाए कुछ लोगों ने यहां भिजवा दिया.

किसान नेता ने प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि जब हमें इस बात का पता लगा तो हमने इसका विरोध किया और लघु सचिवालय में धरना दिया. किसानों का कहना है कि जो भी इस मामले में शामिल हैं उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

सिरसा में उत्तरप्रदेश से आई गेहूं के खिलाफ किसानों ने दिया धरना, मंडी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

ये भी पढ़ें: हरियाणा में पहली बार हुई पूरी तरह सरसों की प्राइवेट खरीद, सरकारी MSP से ज्यादा पर बिकी फसल

किसान नेता ने बताया कि बीती 12 मई को गेहूं के ट्रक उत्तर प्रदेश से सिरसा पहुंचे थे. जो गेहूं सिरसा आया था उनमें लगभग 4 से 5 साल पुराना गेहूं था जिसे की नष्ट किया जाना था, लेकिन कुछ लोगों ने उसे नष्ट करने की बजाए बोरियों में भरकर एफसीआई गोदामों में भेज दिया.

उन्होंने कहा कि जब हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने हमारी बात को ताल-मटोल कर दिया. फिर बाद में हमें पता चला की कालांवाली में रिखी राम नाम से आढ़ती है उसके जरिए ये गेहूं सिरसा आई थी. जब उससे बात की तो उसने मालिक का नाम बताने से मना कर दिया.

ये भी पढ़ें: हरियाणा: किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में इस गांव ने किया लॉकडाउन ना मानने का ऐलान, कोरोना टेस्ट भी नहीं कराएंगे

फिर अगले दिन उसी आढ़ती द्वारा 4-5 आदमियों को उसके मालिक के रूप में पेश कर दिया लेकिन बाद में जब गांव की पंचायत से बात की तो वो सभी मुकर गए. किसानों ने बताया कि इतने बड़े गोरखधंधे में किसी भी तरह की प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं हुई है, बस एक आढ़ती का लाइसेंस रद्द किया गया है.

ये भी पढ़ें: हिसार के मसूदपुर गांव के बाद अब ये गांव भी नहीं करेगा लॉकडाउन का पालन, पंचायत में लिया गया फैसला

किसान नेता ने कहा कि हमने अधिकारियों से इस विषय पर बात की है लेकिन अधिकारी सिर्फ यही कह रहे हैं की जांच चल रही है. किसानों का कहना है कि गेहूं तो 12 मई को ही आ गई थी लेकिन अभी तक जांच ही चल रही है. उन्होंने बताया कि हमने इस विषय पर लिखित में शिकायत दे दी गई है और जब तक इस काम में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती तब तक हमारा धरना चलता रहेगा.

सिरास: बीती 12 मई को जिले की फग्गू मंडी में पहुंचा उत्तर प्रदेश का मार्का लगा हुआ गेहूं को लेकर अनाज मंडी में किसानों ने इसका जमकर विरोध किया. किसानों का कहना है कि जो गेहूं उत्तर प्रदेश से लाया गया है वो 4-5 साल पुराना है और उसे नष्ट करने के बजाए कुछ लोगों ने यहां भिजवा दिया.

किसान नेता ने प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि जब हमें इस बात का पता लगा तो हमने इसका विरोध किया और लघु सचिवालय में धरना दिया. किसानों का कहना है कि जो भी इस मामले में शामिल हैं उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

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किसान नेता ने बताया कि बीती 12 मई को गेहूं के ट्रक उत्तर प्रदेश से सिरसा पहुंचे थे. जो गेहूं सिरसा आया था उनमें लगभग 4 से 5 साल पुराना गेहूं था जिसे की नष्ट किया जाना था, लेकिन कुछ लोगों ने उसे नष्ट करने की बजाए बोरियों में भरकर एफसीआई गोदामों में भेज दिया.

उन्होंने कहा कि जब हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने हमारी बात को ताल-मटोल कर दिया. फिर बाद में हमें पता चला की कालांवाली में रिखी राम नाम से आढ़ती है उसके जरिए ये गेहूं सिरसा आई थी. जब उससे बात की तो उसने मालिक का नाम बताने से मना कर दिया.

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फिर अगले दिन उसी आढ़ती द्वारा 4-5 आदमियों को उसके मालिक के रूप में पेश कर दिया लेकिन बाद में जब गांव की पंचायत से बात की तो वो सभी मुकर गए. किसानों ने बताया कि इतने बड़े गोरखधंधे में किसी भी तरह की प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं हुई है, बस एक आढ़ती का लाइसेंस रद्द किया गया है.

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किसान नेता ने कहा कि हमने अधिकारियों से इस विषय पर बात की है लेकिन अधिकारी सिर्फ यही कह रहे हैं की जांच चल रही है. किसानों का कहना है कि गेहूं तो 12 मई को ही आ गई थी लेकिन अभी तक जांच ही चल रही है. उन्होंने बताया कि हमने इस विषय पर लिखित में शिकायत दे दी गई है और जब तक इस काम में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती तब तक हमारा धरना चलता रहेगा.

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