सिरास: बीती 12 मई को जिले की फग्गू मंडी में पहुंचा उत्तर प्रदेश का मार्का लगा हुआ गेहूं को लेकर अनाज मंडी में किसानों ने इसका जमकर विरोध किया. किसानों का कहना है कि जो गेहूं उत्तर प्रदेश से लाया गया है वो 4-5 साल पुराना है और उसे नष्ट करने के बजाए कुछ लोगों ने यहां भिजवा दिया.
किसान नेता ने प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि जब हमें इस बात का पता लगा तो हमने इसका विरोध किया और लघु सचिवालय में धरना दिया. किसानों का कहना है कि जो भी इस मामले में शामिल हैं उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
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किसान नेता ने बताया कि बीती 12 मई को गेहूं के ट्रक उत्तर प्रदेश से सिरसा पहुंचे थे. जो गेहूं सिरसा आया था उनमें लगभग 4 से 5 साल पुराना गेहूं था जिसे की नष्ट किया जाना था, लेकिन कुछ लोगों ने उसे नष्ट करने की बजाए बोरियों में भरकर एफसीआई गोदामों में भेज दिया.
उन्होंने कहा कि जब हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने हमारी बात को ताल-मटोल कर दिया. फिर बाद में हमें पता चला की कालांवाली में रिखी राम नाम से आढ़ती है उसके जरिए ये गेहूं सिरसा आई थी. जब उससे बात की तो उसने मालिक का नाम बताने से मना कर दिया.
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फिर अगले दिन उसी आढ़ती द्वारा 4-5 आदमियों को उसके मालिक के रूप में पेश कर दिया लेकिन बाद में जब गांव की पंचायत से बात की तो वो सभी मुकर गए. किसानों ने बताया कि इतने बड़े गोरखधंधे में किसी भी तरह की प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं हुई है, बस एक आढ़ती का लाइसेंस रद्द किया गया है.
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किसान नेता ने कहा कि हमने अधिकारियों से इस विषय पर बात की है लेकिन अधिकारी सिर्फ यही कह रहे हैं की जांच चल रही है. किसानों का कहना है कि गेहूं तो 12 मई को ही आ गई थी लेकिन अभी तक जांच ही चल रही है. उन्होंने बताया कि हमने इस विषय पर लिखित में शिकायत दे दी गई है और जब तक इस काम में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती तब तक हमारा धरना चलता रहेगा.