सिरसा: जिले के गांव गीगोरानी के साथ लगते 10 गांवों के किसान गीगोरानी माइनर में टेल तक पानी न आने के चलते अनोखा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन गांवों के सैंकड़ों किसान माइनर में ही धरना लगाकर बैठ गए हैं. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन इसी तरह से चलता रहेगा.
'रिमॉडलिंग के बाद भी नहीं पहुंचा पानी'
माइनर में धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि सरकार ने गीगोरानी माइनर के लिए 6 करोड़ रुपये का बजट भेजा था, लेकिन इस माइनर की रिमॉडलिंग के बाद भी टेल तक पानी नहीं पहुंचा. किसानों का कहना है कि अधिकारियों ने रिमॉडलिंग में धांधली की जिसके बाद यहां पानी नहीं आया.
'शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई'
किसानों ने इसके लिए कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. किसानों का कहना है कि अब आंदोलन ही उनके पास एक मात्र जरिया बचा था जिससे सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाई जा सके.
'जल सत्याग्रह ही समाधान'
किसान नेता विकल पचार कहते हैं कि सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार के कारण नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुंच सकता. ऐसा हाल हरियाणा के कई जिलों का है, जहां पर टेल तक पानी नहीं पहुंच सकता. विकल पचार ने बताया कि इसी वजह से हमने जल सत्याग्रह की शुरुआत की है.