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सिरसा में जाल की तरह फैला नशे का कारोबार, स्पेशल जोन बनाने की उठी मांग, देखिए रिपोर्ट - नशे को ना

प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने एक मुहिम शुरू की है. ईटीवी भारत युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, इससे होने वाली परेशानियों, उजड़ रहे घर और तबाह हो रही जिंदगियों को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इस मुहिम के तहत हमने उन युवाओं से भी बातचीत की जिसमें वो नशे के आदी हो चुके थे लेकिन आज वो नशे से दूर भागते हैं. सुनिए क्या कहना है उन युवाओं का...

drugs in sirsa
सिरसा में जाल की तरह फैला नशे का कारोबार
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Published : Nov 29, 2019, 3:11 PM IST

सिरसाः पंजाब और राजस्थान से सटे सिरसा में हेरोइन का नशा लगातार अपने पांव पसार रहा है. कुछ लोग इसे हेरोइन कहते हैं, तो कुछ लोग चिट्टा लेकिन चीज एक ही है. हीरोइन की डिमांड बढ़ने से नकली हेरोइन की सप्लाई भी बाजार में की जा रही है. सिरसा पुलिस लगातार किसी न किसी की गिरफ्तारी करती रहती है फिर भी नशे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हालांकि अब तो खुद गृह मंत्री अनिल विज ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है.

ईटीवी भारत की मुहिम
प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने एक मुहिम शुरू की है. ईटीवी भारत युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, इससे होने वाली परेशानियों, उजड़ रहे घर और तबाह हो रही जिंदगियों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इस मुहिम के तहत हमने उन युवाओं से भी बातचीत की जिसमें वो नशे के आदी हो चुके थे लेकिन आज वो नशे से दूर भागते हैं.

नशा मुक्ति केंद्र में आए मरीजों ने बताया कि वो गलत संगत और किसी अन्य परेशानी की वजह से नशा करने लगे थे. जिसकी उन्हें बाद में गहरी लत लग गई थी, लेकिन अब वो अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी सेहत में काफी फर्क आया है. टीम से बातचीत करते हुए युवाओं ने शपथ भी ली की अब वो कभी नशा नहीं करेंगे.

सिरसा में जाल की तरह फैला नशे का कारोबार, देखिए रिपोर्ट

13 से 18 साल के किशोर बन रहे शिकार
डॉक्टर्स के अनुसार आज सिरसा में नशा करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसमे 13 से 18 साल के नाबालिग सबसे ज्यादा है. आज के युवाओं में नशा एक ट्रेंड बनता जा रहा है. ये ट्रेंड पहले के मुकाबले बिल्कुल बदल गया है. क्योंकि पहले 25 से 26 साल के युवा अफीम जैसे नशीले पदार्थ से नशा करते थे और धीरे धीरे स्मेक और हेरोइन की तरफ बढ़ते थे. लेकिन आज का युवा खासकर टीनेजर्स सीधे हेरोइन का सेवन कर रहे हैं, जो काफी चिंता का विषय है.

drugs in sirsa
अस्पताल में भर्ती नशे के शिकार हो चुके युवा

हजारों तक पहुंचा आंकड़ा
डॉक्टर पंकज के अनुसार साल 2014 में 1400 मरीज इलाज के लिए आए थे. वहीं 2018 में 18 हजार और 2019 में अभी तक ये आकंड़ा 25 हजार तक पहुंच गया है. डॉक्टर ने ये भी बताया है कि मरीजों के आंकड़े बढ़ने के साथ ही लोगों में जागरुकता बढ़ी है. इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लगातार जागरुकता अभियान चाले जा रहे हैं, जो एक पॉज़िटिव बात है. उन्होंने बताया कि लोग अब नशे के खिलाफ जागरूक होने लगे हैं और अपना इलाज करवाने नशा मुक्ति केंद्रों में आने लगे हैं.

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सिरसा नशा मुक्ति केंद्र

अभय की चिट्ठी का रंजीत ने किया समर्थन

अपनी विधानसभा में बढ़ते नशे को लेकर अभय चौटाला ने भी चिंता जताई है. विधायक ने गठबंधन की सरकार को घेरते हुए कई सवाल दाग दिए. अभाय चौटाला ने सिरसा में बढ़ते नशे पर रोकथाम के लिए सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की है. कैबिनेट मंत्री और रानियां से विधायक रंजीत चौटाला ने भी अभय की इस चिट्ठी का समर्थन किया है. वहीं कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बैठक के दौरान अनिल विज ने अभय चौटाला की चिट्ठी का जवाब दिया. विज ने कहा कि कार्रवाई के लिए उचित निर्देश दे दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः नशे पर राजनीतिक रोटियां सेक रही पार्टियां, जिंदगियां छीन रहा चिट्टा, रिपोर्ट

सिरसा और फतेहाबाद स्पेशल जोन!
समाज सेवी संस्थाओं का कहना है कि जब तक फतेहाबाद और सिरसा को नशे को लेकर स्पेशल जोन घोषित नहीं किया जाता तब तक इसका हल निकलना मुश्किल है. इसी मांग को लेकर पिछले दिनों समाजसेवी प्रवीण काशी कई महीनों तक आमरण अनशन कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन भी दिया लेकिन फतेहाबाद और सिरसा को अभी तक स्पेशल जोन घोषित नहीं किया गया है.

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नशे को कहो ना

पिछले दो महीनों के आंकड़े
पुलिस के मुताबिक पिछले 2 महीने में नशे के खिलाफ काफी सफलता मिली है. सिरसा के डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 2 महीने में करीब 150 मामले दर्ज किए गए हैं और काफी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों को पकड़ा है. वहीं अगर पिछले एक साल की बात करें तो 550 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. जिसमे 22 क्विंटल पोपिहस्क, करीब पौने 8 किलो हेरोइन, 34 किलो गांजा और लाखों की संख्या में नशीली गोलियां शामिल है.

चुनौती बना नशा!
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2010 से लेकर 2015 में नशे की वजह से हरियाणा में 448 मौत हो चुकी हैं. जिनमें से अधिकतर फतेहाबाद और सिरसा जिले में हुई हैं. अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन सिरसा में बढ़ते नशे के कारोबार पर कोई सख्त कदम उठाता है या फिर यूं ही लगातार जिंदगियां बर्बाद होती रहेंगी.

सिरसाः पंजाब और राजस्थान से सटे सिरसा में हेरोइन का नशा लगातार अपने पांव पसार रहा है. कुछ लोग इसे हेरोइन कहते हैं, तो कुछ लोग चिट्टा लेकिन चीज एक ही है. हीरोइन की डिमांड बढ़ने से नकली हेरोइन की सप्लाई भी बाजार में की जा रही है. सिरसा पुलिस लगातार किसी न किसी की गिरफ्तारी करती रहती है फिर भी नशे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हालांकि अब तो खुद गृह मंत्री अनिल विज ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है.

ईटीवी भारत की मुहिम
प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने एक मुहिम शुरू की है. ईटीवी भारत युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, इससे होने वाली परेशानियों, उजड़ रहे घर और तबाह हो रही जिंदगियों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इस मुहिम के तहत हमने उन युवाओं से भी बातचीत की जिसमें वो नशे के आदी हो चुके थे लेकिन आज वो नशे से दूर भागते हैं.

नशा मुक्ति केंद्र में आए मरीजों ने बताया कि वो गलत संगत और किसी अन्य परेशानी की वजह से नशा करने लगे थे. जिसकी उन्हें बाद में गहरी लत लग गई थी, लेकिन अब वो अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी सेहत में काफी फर्क आया है. टीम से बातचीत करते हुए युवाओं ने शपथ भी ली की अब वो कभी नशा नहीं करेंगे.

सिरसा में जाल की तरह फैला नशे का कारोबार, देखिए रिपोर्ट

13 से 18 साल के किशोर बन रहे शिकार
डॉक्टर्स के अनुसार आज सिरसा में नशा करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसमे 13 से 18 साल के नाबालिग सबसे ज्यादा है. आज के युवाओं में नशा एक ट्रेंड बनता जा रहा है. ये ट्रेंड पहले के मुकाबले बिल्कुल बदल गया है. क्योंकि पहले 25 से 26 साल के युवा अफीम जैसे नशीले पदार्थ से नशा करते थे और धीरे धीरे स्मेक और हेरोइन की तरफ बढ़ते थे. लेकिन आज का युवा खासकर टीनेजर्स सीधे हेरोइन का सेवन कर रहे हैं, जो काफी चिंता का विषय है.

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अस्पताल में भर्ती नशे के शिकार हो चुके युवा

हजारों तक पहुंचा आंकड़ा
डॉक्टर पंकज के अनुसार साल 2014 में 1400 मरीज इलाज के लिए आए थे. वहीं 2018 में 18 हजार और 2019 में अभी तक ये आकंड़ा 25 हजार तक पहुंच गया है. डॉक्टर ने ये भी बताया है कि मरीजों के आंकड़े बढ़ने के साथ ही लोगों में जागरुकता बढ़ी है. इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लगातार जागरुकता अभियान चाले जा रहे हैं, जो एक पॉज़िटिव बात है. उन्होंने बताया कि लोग अब नशे के खिलाफ जागरूक होने लगे हैं और अपना इलाज करवाने नशा मुक्ति केंद्रों में आने लगे हैं.

drugs in sirsa
सिरसा नशा मुक्ति केंद्र

अभय की चिट्ठी का रंजीत ने किया समर्थन

अपनी विधानसभा में बढ़ते नशे को लेकर अभय चौटाला ने भी चिंता जताई है. विधायक ने गठबंधन की सरकार को घेरते हुए कई सवाल दाग दिए. अभाय चौटाला ने सिरसा में बढ़ते नशे पर रोकथाम के लिए सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की है. कैबिनेट मंत्री और रानियां से विधायक रंजीत चौटाला ने भी अभय की इस चिट्ठी का समर्थन किया है. वहीं कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बैठक के दौरान अनिल विज ने अभय चौटाला की चिट्ठी का जवाब दिया. विज ने कहा कि कार्रवाई के लिए उचित निर्देश दे दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः नशे पर राजनीतिक रोटियां सेक रही पार्टियां, जिंदगियां छीन रहा चिट्टा, रिपोर्ट

सिरसा और फतेहाबाद स्पेशल जोन!
समाज सेवी संस्थाओं का कहना है कि जब तक फतेहाबाद और सिरसा को नशे को लेकर स्पेशल जोन घोषित नहीं किया जाता तब तक इसका हल निकलना मुश्किल है. इसी मांग को लेकर पिछले दिनों समाजसेवी प्रवीण काशी कई महीनों तक आमरण अनशन कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन भी दिया लेकिन फतेहाबाद और सिरसा को अभी तक स्पेशल जोन घोषित नहीं किया गया है.

drugs in sirsa
नशे को कहो ना

पिछले दो महीनों के आंकड़े
पुलिस के मुताबिक पिछले 2 महीने में नशे के खिलाफ काफी सफलता मिली है. सिरसा के डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 2 महीने में करीब 150 मामले दर्ज किए गए हैं और काफी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों को पकड़ा है. वहीं अगर पिछले एक साल की बात करें तो 550 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं. जिसमे 22 क्विंटल पोपिहस्क, करीब पौने 8 किलो हेरोइन, 34 किलो गांजा और लाखों की संख्या में नशीली गोलियां शामिल है.

चुनौती बना नशा!
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक साल 2010 से लेकर 2015 में नशे की वजह से हरियाणा में 448 मौत हो चुकी हैं. जिनमें से अधिकतर फतेहाबाद और सिरसा जिले में हुई हैं. अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन सिरसा में बढ़ते नशे के कारोबार पर कोई सख्त कदम उठाता है या फिर यूं ही लगातार जिंदगियां बर्बाद होती रहेंगी.

Intro:एंकर - नशा आज समाज में एक ऐसी बुराई बन गया है जिसके खिलाफ न केवल साशन और प्रशासन को , बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है । उसी तरह सिरसा जिला में भी नशे ने इस कदर अपने पैर पसार लिए है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के युवा के साथ साथ युवतियां भी लगातार नशे की लत फंसते जा रहे हैं। सिरसा जिला पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर पर स्थित है । जिस कारण पुलिस प्रशासन के लिए भी नशा तस्करी को रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसी वजह से यहां आये दिन कोई न कोई व्यक्ति नशीले पदार्थ के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ता रहता है। और हजारों की संख्या में नशे की लत के मरीज यहां के नशा मुक्ति केंद्र में अपना इलाज करवाने आ रहे हैं।Body:

विओ - डॉक्टर के अनुसार आज सिरसा में नशा करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसमे 13 से 18 साल के नाबालिकों में यह नशे का ट्रेंड बढ़ गया है। यह ट्रेंड पहले के मुकाबले बिलकुल बदल गया है । पहले 25 से 26 साल के युवा अफीम जैसे नेचुरल पदार्थ से नशा करते थे और धीरे धीरे स्मेक और हेरोइन की तरफ बढ़ते थे। लेकिन आज का युवा खासकर टीनेजर सीधे हेरोइन का सेवन कर रहे हैं। जो काफी चिंता का विषय है। दूसरी तरफ यहां की युवतियां भी अब नशे की लत में फंसती जा रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार साल 2014 में 1400 मरीज इलाज के लिए आये थे । वहीं 2018 में 18 हजार और अब 2019 में अभी तक ये 25 हजार तक पहुंच गई है। जो एक पॉज़िटिव बात है कि लोग अब नशे के खिलाफ जागरूक होने लगे हैं। और अपना इलाज करवाने नशा मुक्ति केंद्रों में आने लगे हैं।

बाइट -पंकज शर्मा , डॉक्टर

वीओ - वहीं हमारी टीम ने नशे की लत में फंसे कुछ मरीजों से बात की , हमारी टीम से बात करते हुए उन मरीजों ने बताया कि वह गलत संगत और किसी अन्य परेशानी की वजह से नशा करने लगे थे । जिसकी उन्हें बाद में गहरी लत पड़ गयी थी। लेकिन अब वो अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी सेहत में काफी फर्क आया है। उन्होंने यह शपत भी ली की अब वो कभी नशा नही करेंगे ।

बाइट - पीड़ित

वीओ - वहीं अगर पुलिस प्रशासन के अनुसार पिछले 2 महीने में उन्हें नशे के खिलाफ काफी सफलता मिली है । पिछले 2 महीने में करीब 150 मामले दर्ज किए गए हैं और काफी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों को पकड़ा है। वहीं अगर पिछले एक साल की बात करे तो 550 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। जिसमे 22 क्विंटल पोपिहस्क , करीब पौने 8 किलो हेरोइन , 34 किलो गांजा और लाखों की संख्या में नशीली गोलियां पिछले साल में पकड़ी गई है। पुलिस का कहना है कि अब पब्लिक भी उनका सहयोग करने लगी है और इन्फॉर्मेशन देने लगी है।

बाइट - राजेश कुमार , DSP

वीओ - चाहे पुलिस एक तरफ़ नशे के खिलाफ अपनी सफलता के कितने भी बड़े दावे कर ले। लेकिन दूसरी तरफ हकीकत ये भी है कि नशे के बड़े तस्करों को पकड़ने में असफल पुलिस नजर आयी है। जिसका उदाहरण पुलिस द्वारा ही रोज पकड़े जाने वाले नशीले पदार्थ हैं। Conclusion:
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