सिरसा: डेरा सच्चा सौदा में हनीप्रीत की भूमिका को लेकर आए दिन नई नई खबरें सामने आ रही हैं. अब खबर सामने आई है कि हनीप्रीत को डेरे की वाइस चेयरपर्सन और डेरा सच्चा सौदा मैनेजमेंट की चेयरपर्सन (dera sacha sauda chairperson honeypreet) बना दिया गया है. ऐसा दावा डेरा सच्चा सौदा से जुड़े एक समर्थक ने किया है. जिसने सोशल मीडिया पर 'फेथ वर्सेज वर्डिक्ट' (Faith versus Verdict) नाम के अकाउंट पर पूरी जानकारी दस्तावेजों के साथ सांझा की है.
इन दस्तावेजों में हनीप्रीत पर डेरे को हड़पने का आरोप (honeypreet accused of grabbing dera) लगाया गया है. इस मामले पर सिरसा डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता का कहना है कि हनीप्रीत इंसा 2011 से डेरा की ट्रस्टी है. 2016 में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा हनीप्रीत को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था. आज भी ऐसा ही है. डेरा की एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर पीआर नैन हैं. वो ही डेरा का काम काज देखते हैं.
![dera sacha sauda chairperson controversy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16625116_post.jpg)
दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर फेथ वर्सेस वर्डिक्ट फेसबुक पेज से सांझा की जानकारी में कागजात भी दिखाए गए हैं. जिसमें दावा किया जा रहा है कि ट्रस्ट के इन कागजात में डेरे के मौजूदा चेयरपर्सन डॉक्टर पीआर नैन इंसा का नाम नहीं है, जबकि पीआर नैन को डेरा प्रमुख राम रहीम ने अपनी नौंवी चिट्टी में डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट का चेयरपर्सन (dera sacha sauda chairperson controversy) घोषित किया था. तब राम रहीम गुरुग्राम में फरलो पर आया था. उससे पहले विपासना इंसा डेरे की चेयरपर्सन थी.
सोशल मीडिया अकाउंट (faith versus verdict facebook page) पर विपासना इंसा एक tweet भी शेयर किया गया है. जो 27 मार्च 2020 का है, जिसमें एक चिट्ठी भी दर्शाई गई है. जो 26 मार्च 2020 की है. इस चिट्ठी में विपासना को चेरपर्सन लिखा हुआ है. Faith versus Verdict फेसबुक पेज पर शेयर पोस्ट में हनीप्रीत पर डेरा हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है. दस्तावेजों में बताया जा रहा है कि शाही परिवार का डेरे के ऊपर कोई कलेम नहीं है.
![dera sacha sauda chairperson controversy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16625116_ramrahim.jpg)
दावा ये भी किया जा रहा है कि दस्तावेज 31 अक्टूबर 2016 के हैं. 25 अगस्त 2017 तक राम रहीम डेरे में था. उसने कब हनीप्रीत को डेरे का चेयरपर्सन बनाया किसी को पता नहीं, अगर बनाया भी तो इसकी जानकारी संगत को क्यों नहीं दी गई. इन दस्तावेज पर राम रहीम के साइन पर सवाल उठाये जा रहे हैं. दावा है कि 25 अगस्त 2017 को हुए दंगों में विपासना ने जो गवाही दी थी, उसमें हनीप्रीत की भूमिका का जिक्र किया गया था. दावा किया जा रहा है कि विपासना की गवाही को कमजोर करने के लिए पिछली तारीख में हनीप्रीत को डेरा का चेयरपर्सन बनाया गया हो.