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पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने चुनी फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये

एक तरफ जहां किसान गेहूं, कपास और धान की पारंपरिक खेती से परेशान होकर कर्ज के बोझ में डूबता जा रहा है तो वहीं जिले के कुछ किसानों ने इससे अलग हटकर खेती की शुरुआत की है. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कर्ज से निकलकर खुशहाली की और बढ़ी है.

पारंपरित खेती छोड़ सिरसा के किसानों ने चुनी फूलों की खेती
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Published : Nov 9, 2019, 2:34 PM IST

सिरसाः पारंपरिक खेती कर कर्ज के बोझ में डूबते किसानों ने कमाई का एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है. किसानों ने फूलों को खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति कर्ज से निकलकर खुशहाली की ओर बढ़ाई है.

जगजाहिर है कि कुछ समय पहले बाजार में फूलों की मांग काफी सीमित थी, इसलिए किसान भी इसकी खेती ज्यादा नहीं करते थे. लेकिन दिनों दिन बढ़ती फूलों की मांग को देखते हुए किसानों ने भी पारंपरिक खेती छोड़ इसे अपनाया है.

पारंपरित खेती छोड़ सिरसा के किसानों ने चुनी फूलों की खेती

इन फूलों की करते हैं खेती
सिरसा के छतरिया गांव के रहने वाले किसान बलदेव के पास 8 एकड़ जमीन है. जिस पर 20 सालों से वो पारंपरिक खेती करते आ रहे थे और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, लेकिन कुछ साल पहले उसने फूलों की खेती को अपनाया.

flowers farming in sirsa
गेंदे ने बढ़ाई आमदनी

लगभग 6 मरले जमीन पर फूलों की खेती शुरू कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. आज वो 6 एकड़ में अलग-अलग तरह के फूल जैसे गुलाब, गेंदा, ग्लेडियोलस, गुलदाउदी, रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं.

flowers farming in sirsa
लाल गुलाब बने कमाई का जरिया

रोजगार का अहम रास्ता
साथ ही बलदेव अपने भाई और बीए कर चुके अपने बेटों को भी इसी खेती पर लगा कर सिरसा के साथ साथ अन्य स्थानों पर फूलों का व्यापार कर रहे हैं. आज उनकी अच्छी आमदनी हो रही है. बलदेव का कहना है कि वो अपने परिवार के पालन पोषण के साथ-साथ दूसरें लोगों को भी रोजगार देते हैं.

flowers farming in sirsa
हर प्रकार के फूलों से हो रही कमाई

उन्होंने कहा कि आजकल युवा जिस प्रकाश से नशे की ओर बढ़ रहे हैं. उन्हें देखते हुए मैंने अपने बेटों के साथ अपने परिवार के अन्य युवाओं को भी इस खेती का साथ जोड़ दिया है. बलदेव ने बताया कि अब उन युवाओं के पास इतना वक्त ही नहीं रहता कि वो नशे की ओर जाने के बारे में सोच भी सके.

flowers farming in sirsa
गेंदे की फसल
सवा 2 लाख प्रति एकड़ से आमदनीखास बात ये है कि किसान बलदेव रिकॉर्ड तोड़ सवा दो लाख रूपय प्रति एकड़ से गेंदे की खेती कर रहे हैं. प्रगतिशील किसान बलदेव राय ने बताया कि वो लगभग 20 सालों से पारंपरिक खेती कर रहे था लेकिन आमदनी होने के बजाए वो कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने 6 मरले जमीन पर फूलों की खेती शुरू की और धीरे धीरे अब वो 6 एकड़ में तरह तरह के फूलों की खेती कर रहे हैं.

हर तरह की वैरायटी कर रहे तैयार
उन्होंने बताया कि वो पत्ते की वैराइटी भी तैयार कर रहे है जिससे बूके तैयार किए जाते हैं. अब उससे आमदनी अच्छी हो रही है. उन्होंने बताया कि आमदनी के साथ-साथ हमारे बच्चे अच्छे पढ़ लिख गए हैं. अब हमारे बच्चे हमारे काम में हाथ बंटा रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग उन्हें मिला है. इससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती.

ये भी पढ़ेंः यमुनानगर के 'जल संरक्षक' दिलीप, कबाड़ से जुगाड़ कर बचाते हैं पानी

सिरसाः पारंपरिक खेती कर कर्ज के बोझ में डूबते किसानों ने कमाई का एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है. किसानों ने फूलों को खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति कर्ज से निकलकर खुशहाली की ओर बढ़ाई है.

जगजाहिर है कि कुछ समय पहले बाजार में फूलों की मांग काफी सीमित थी, इसलिए किसान भी इसकी खेती ज्यादा नहीं करते थे. लेकिन दिनों दिन बढ़ती फूलों की मांग को देखते हुए किसानों ने भी पारंपरिक खेती छोड़ इसे अपनाया है.

पारंपरित खेती छोड़ सिरसा के किसानों ने चुनी फूलों की खेती

इन फूलों की करते हैं खेती
सिरसा के छतरिया गांव के रहने वाले किसान बलदेव के पास 8 एकड़ जमीन है. जिस पर 20 सालों से वो पारंपरिक खेती करते आ रहे थे और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, लेकिन कुछ साल पहले उसने फूलों की खेती को अपनाया.

flowers farming in sirsa
गेंदे ने बढ़ाई आमदनी

लगभग 6 मरले जमीन पर फूलों की खेती शुरू कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई. आज वो 6 एकड़ में अलग-अलग तरह के फूल जैसे गुलाब, गेंदा, ग्लेडियोलस, गुलदाउदी, रजनीगंधा की खेती कर रहे हैं.

flowers farming in sirsa
लाल गुलाब बने कमाई का जरिया

रोजगार का अहम रास्ता
साथ ही बलदेव अपने भाई और बीए कर चुके अपने बेटों को भी इसी खेती पर लगा कर सिरसा के साथ साथ अन्य स्थानों पर फूलों का व्यापार कर रहे हैं. आज उनकी अच्छी आमदनी हो रही है. बलदेव का कहना है कि वो अपने परिवार के पालन पोषण के साथ-साथ दूसरें लोगों को भी रोजगार देते हैं.

flowers farming in sirsa
हर प्रकार के फूलों से हो रही कमाई

उन्होंने कहा कि आजकल युवा जिस प्रकाश से नशे की ओर बढ़ रहे हैं. उन्हें देखते हुए मैंने अपने बेटों के साथ अपने परिवार के अन्य युवाओं को भी इस खेती का साथ जोड़ दिया है. बलदेव ने बताया कि अब उन युवाओं के पास इतना वक्त ही नहीं रहता कि वो नशे की ओर जाने के बारे में सोच भी सके.

flowers farming in sirsa
गेंदे की फसल
सवा 2 लाख प्रति एकड़ से आमदनीखास बात ये है कि किसान बलदेव रिकॉर्ड तोड़ सवा दो लाख रूपय प्रति एकड़ से गेंदे की खेती कर रहे हैं. प्रगतिशील किसान बलदेव राय ने बताया कि वो लगभग 20 सालों से पारंपरिक खेती कर रहे था लेकिन आमदनी होने के बजाए वो कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने 6 मरले जमीन पर फूलों की खेती शुरू की और धीरे धीरे अब वो 6 एकड़ में तरह तरह के फूलों की खेती कर रहे हैं.

हर तरह की वैरायटी कर रहे तैयार
उन्होंने बताया कि वो पत्ते की वैराइटी भी तैयार कर रहे है जिससे बूके तैयार किए जाते हैं. अब उससे आमदनी अच्छी हो रही है. उन्होंने बताया कि आमदनी के साथ-साथ हमारे बच्चे अच्छे पढ़ लिख गए हैं. अब हमारे बच्चे हमारे काम में हाथ बंटा रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों का भी भरपूर सहयोग उन्हें मिला है. इससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती.

ये भी पढ़ेंः यमुनानगर के 'जल संरक्षक' दिलीप, कबाड़ से जुगाड़ कर बचाते हैं पानी

Intro:एंकर - एक तरफ जहा किसान पारम्परिक खेती ( गेहू ,कपास, धान ) से परेशान होकर कर्ज के बोझ में डूबता जा रहा है वही जिले के कुछ किसानो ने इससे अलग हटकर खेती की शुरुवात की जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कर्ज से
निकलकर खुशहाली की और बढ़ी है। सिरसा के गॉव छतरिया का रहने वाला किसान बलदेव के 8 एकड़ भूमि है जिसपर 20 सालो से वो पारम्परिक खेती करता आ रहा
था और कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा था। लेकिन कुछ साल पहले उसने फूलो की खेती को अपनाया। लगभग 6 मरले जमीन पर फूलो की खेती शुरू कर उसने अपनी अलग
पहचान बनाई। आज वो 6 एकड़ में अलग अलग तरह के फूल जैसे गुलाब गेंदा ग्लेडियोलस गुलदाउदी रजनीगंधा की खेती कर रहा है। साथ ही अपने भाई और बीए कर चुके अपने बेटो को भी इसी खेती पर लगा कर सिरसा के साथ साथ अन्य स्थानों पर फूलो का व्यापार कर रहा है। आज उसकी अच्छी आमदनी हो रही है। खास बात यह है कि वो रिकॉर्ड तोड़ सवा दो लाख रूपय प्रति एकड़ से गेंदे की खेती कर रहा है।

Body:वीओ1- प्रगतिशील किसान बलदेव राय ने बताया कि वो लगभग 20 सालो से पारम्परिक खेती कर रहा था लेकिन आमदनी होने की बजाये वो कर्ज के बोझ दबता जा रहा था। लेकिन कुछ साल पहले उसने 6 मरले जमीन पर फूलो की खेती शुरू की और धीरे धीरे अब वो 6 एकड़ में तरह तरह के फूलो की खेती कर रहा है। कुछ हम पत्ते की वैराइटी भी तैयार कर रहे है जिससे बूके तैयार किये जाते है।अब उसे आमदनी अच्छी हो रही है। और आमदनी के साथ साथ हमारे बच्चे अच्छे पढ़ लिख गए है। अब हमारे बच्चे हमारे काम में हाथ बटा रहे है। वही उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियो का भी भरपूर सहयोग उन्हें मिला।

बाइट - बलदेव राय ( प्रगतिशील किसान )Conclusion:
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