सिरसा: राम रहीम की पैरोल पर अंशुल छत्रपति ने एतराज जताया है. अंशुल छत्रपति ने कहा कि राम रहीम को 56 दिन के अंदर दूसरी बार पैरोल मिल गई है. साध्वियों से यौन शोषण, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्या के लिए राम रहीम को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. रोहतक की सुनारिया जेल में राम रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है. एक बार फिर से राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिली है.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति बेटे अंशुल छत्रपति ने राम रहीम की पैरोल पर सवाल उठाया है. अंशुल छत्रपति ने सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि डेरा प्रमुख अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहा है. सरकार गुरमीत राम रहीम के सामने झुक चुकी है. इम मामलों को दबाव के लिए पहले भी उसने जांच को प्रभावित करने का काम किया. ट्रायल को भी राम रहीम ने प्रभावित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि ये कानून के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
कब कब मिली राम रहीम को पैरोल? गौरतलब है कि अंशुल छत्रपति के पिता पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी डेरा प्रमुख को उम्र कैद की सजा हुई है. डेरा प्रमुख को पिछले साल 14 अक्टूबर को भी पैरोल दी गई थी. उस समय पैरोल मिलने पर उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में पूरा समय बिताया था. राम रहीम 12 महीने के अंदर चौथी बार जेल से बाहर आया है. अक्टूबर, 2022 से पहले जून में भी राम रहीम को हरियाणा सरकार ने एक महीने की पैरोल दी थी. इसके अलावा पंजाब विधानसभा चुनाव से दो सप्ताह पहले 7 फरवरी 2022 को भी राम रहीम को तीन सप्ताह का फरलो दिया गया था.
ये भी पढ़ें- पेरोल पर जेल से बाहर आया गुरमीत राम रहीम, यूपी के बरनावा आश्रम भेजा गया
बता दें कि शनिवार को 40 दिन की पैरोल पर राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया है. जेल से राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा स्थिति आश्रम में गया है. यहां से वो अब ऑनलाइन सत्संग कर अपने समर्थकों को संबोधित करेगा. राम रहीम की पैरोल पर हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी है. रणजीत चौटाला ने कहा कि हर आदमी को साल में दो बार पैरोल मिलती है. नियम के तहत कोई भी 10 सप्ताह की पैरोल ले सकता है, जो कि मार्च से मार्च होती है.