सिरसा: 1 अक्टूबर से आंगनबाड़ी वर्कर्स सिरसा (Anganwadi workers protested In Sirsa) लघु सचिवालय में धरना दे रही हैं. आंगनबाड़ी एम्प्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया (Anganwadi Employees Federation of India) के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर्स ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. कोई सुनवाई नहीं होने से गुस्साई आशा वर्कर्स ने वीरवार को हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की शव यात्रा निकाली.
लघु सचिवालय से शव यात्रा शुरू कर दक्ष प्रजापति चौक तक शव यात्रा को निकाला गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला फूंका गया. आपको बता दें कि वर्ष 2018 में प्रदर्शन के बाद सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करों को कुशल एंव अर्द्धकुशल श्रेणी में लिया गया, ताकि इन्हें भी श्रमिकों की श्रेणी में रखा जाए. जिससे कि जो सुविधाएं श्रमिकों को मिलती हैं वो इन्हें भी मिले. आंगनबाड़ी वर्कर्स का आरोप है कि सरकार को वादा किए 4 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन आंगनबाड़ी वर्करों की मांग को अभी तक माना नहीं गया है.
आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन प्रधान ने बताया की वर्ष 2018 में हमने प्रदर्शन किया था. जिसमें हमारी मांग ये थी की हमें श्रमिकों की श्रेणी में रखा जाए. उन्होंने बताया की प्रदर्शन करने के बाद सरकार ने हमारी मांग को पूरा करने का वादा किया, लेकिन अब 4 वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया.
जिसके बाद हमें मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने बताया की उसी वादाखिलाफी के चलते आज हमने मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकाल पुतला फूंका है. आशा वर्कर्स ने कहा कि जो हमारा सेंटर गवर्मेंट व स्टेट गवर्मेंट से शेयरिंग होकर जो मानदेह मिलता है. वो भी हमें पूरा नही मिलता. कभी 3000 तो कभी उससे भी आधा आता है. आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कहा कि सरकार ने दोबारा से उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो आने वाले समय में वो बड़ा कदम उठाने के मजबूर होंगी.