रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले के इंदरगढ़ गांव में रहने वाली, राष्ट्रीय वुशु खिलाड़ी शिक्षा इन दिनों तंगहाली का जीवन गुजार रही है. मनरेगा स्कीम के तहत काम कर रहे माता-पिता की मदद कर रही है. ताकि घर में कुछ पैसे आ जाएं और दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो जाए.
फिलहाल शिक्षा के हाथ में कस्सी है, लेकिन ये प्रदेश की बेहतरीन वुशू खिलाड़ी है. शिक्षा कस्सी चलाने के लिए नहीं बनी, इन खनखनाते मेडल्स के लिए बनी है. शिक्षा 3 बार ऑल इंडिया वुशु चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीत चुकी है. यही नहीं वो 9 बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप और 24 बार स्टेट में चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी है.
अपने दम पर खेली, किसी ने मदद नहीं की
शिक्षा का कहना है कि पहले उन्होंने स्कूलिंग के समय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और अब वो महाऋषि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक की तरफ से खेलती है. उन्होंने कहा कि आज तक किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया. उनकी वुशु खेल में रुची है. वो अपने दम पर खेलती आई है.
शिक्षा का कहना है कि आज तक कोई सहायता नहीं की गई. हालांकि सरकार की तरफ से दो बार पैसे भी आए, लेकिन बीच में ही कहीं अटक गए. अधिकारियों से पूछने पर जवाब मिला कि आगे पैसे काट लिए गए हैं. शिक्षा ने सरकार से अपील की कि अगर सरकार उसकी कुछ मदद करे, तो मैं देश को गोल्ड मैडल दिला सकती हूं.
रोजी रोटी के लिए मजदूर माता-पिता की करती हैं मदद
शिक्षा के माता पिता मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं. घर चलाने के लिए और कोई रोजगार का साधन भी नहीं है. फिलहाल शिक्षा का मनरेगा कार्ड नहीं बना है, लेकिन माता पिता की मदद के लिए सुबह 6 बजे कंधे पर कस्सी लाद कर काम पर निकल पड़ती है.
पेट काट कर बेटी वुशु खिलवाया: शिक्षा के माता-पिता
शिक्षा के माता-पिता प्यारे लाल और राजदेवी का कहना है कि बेटी को इस मुकाम तक पहुचाने के लिए उन्होंने सारी जिंदगी मेहनत-मजदूरी की. आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, फिर भी पेट काटकर अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए वो सबकुछ किया, जो वो कर सकते थे. बेटी ने भी उन्हें कभी निराश नहीं किया. हर खेल वो जी जान से खेली है. वो बड़े-बड़े खिलाड़ियों के लिए कड़ी टक्कर दी.
शिक्षा ने हर चैंपियनशिप में गाड़े झंडे
- 1 बार ऑल इंडिया चैंपियनशिप में गोल्ड
- 2 बार ऑल इंडिया चैंपियन में सिल्वर
- 2 बार सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड
- 4 बार जुनियर नेशनल में गोल्ड
- 1 बार सब-जुनियर नेशनल में गोल्ड
- 24 बार स्टेट चैंपियनशिप में गोल्ड
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