रोहतक: पूरा विश्व कोरोना वायरस से जूझ रहा है ऐसे में बहुत से लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. इस दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत किसी को उठानी पड़ी तो वो थे पोल्ट्री फार्म संचालक. कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉक डाउन में पोल्ट्री फार्म वाले किसान बर्बाद हो गए हैं.
लॉक डाउन के समय से मुसीबतों का सामना कर रहे अंडा उत्पादकों के लिए पहले कोरोना और फिर लॉक डाउन के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. पोल्ट्री फार्म संचालकों का कहना है कि खरीदार न होने के वजह से फार्म में लाखों रुपये के अंडे खराब हो गए थे. यंहा तक कि मुर्गियों को रोड पर छोड़ना पड़ा.
लॉक डाउन में देखा सबसे बुरा समय
पोल्ट्री फार्म संचालक संदीप मलिक ने लॉक डाउन के दौरान आई समस्याओं को बताते हुए कहा की करोड़ों रुपए का खर्चा लगाकर ये फार्म बनाया गया था, लेकिन मार्च के महीने में कोरोना के कारण देश में लॉक डाउन लागू हो गया. उसके बाद जो हुआ उसे याद करके आज भी दुख होता है. उन्होंने बताया कि पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले मजदूर अपने घर चले गए थे और यहां पोल्ट्री फार्म में पड़े लाखों रुपये के अंडे खराब हो गए.
सरकार से मुश्किल समय में मदद करने की अपील
संदीप ने कहा कि जब कोई और रास्ता नहीं बचा और मुर्गियां नहीं बिकी तो मुर्गियों को खेतों में छोड़ना पड़ा. संदीप ने बताया कि सरकार ने भी हमारी कोई मदद नहीं की. इस मुश्किल समय को काटना बहुत भारी था.
पोल्ट्री फार्म संचालक ने बताया कि एक वक्त एसा भी आया जब उन्होंने आत्महत्या करने की सोची. संदीप ने कहा कि सरकार को मुश्किल समय में लोगों की मदद के लिए जरूर आगे आना चाहिए ताकि ऐसी नौबत ना आए.
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