रोहतक: कोरोना महामारी के बीच रोहतक के जन सेवा संस्थान में स्कूल के बच्चे, कॉलेज के छात्र और अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं सेवा और समर्पण की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं. जिन बच्चों को मदद का पूरा अर्थ भी ना पता हो वो भी चाहते हैं कि कोई भूखा ना रहे.
स्कूल की छात्रा कल्पना ने कहा कि वो हर रोज पढ़ाई का काम पूरा कर जन सेवा संस्थान में जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए बनने वाले भोजन की व्यवस्था में हाथ बटवा रहे हैं. ये कार्य करने से उन्हें काफी खुशी मिल रही है, क्योंकि इनके माता-पिता ने कहा है कि आज एक इंसान को दूसरे इंसान की मदद की सख्त जरूरत है.
जनसेवा संस्थान के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद ने बताया कि जन सेवा संस्थान में पहले से ही लोक कल्याण के कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन अब विशेष रूप से यहां सेवा का कार्य चला हुआ है.
उन्होंने बताया कि जब से लॉक डाउन हुआ है लोगों की भोजन की पूर्ति के लिए वो स्कूली छात्र कॉलेज के छात्रों और अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं.
उन्होंने ये कार्य 5000 लोगों की भोजन व्यवस्था से शुरू किया था और आज उनके संस्थान की तरफ से जिला रोहतक में दोनों वक्त लगभग 15000 लोगों को भोजन परोसा जा रहा है. आपातकाल में हर व्यक्ति का ये कर्तव्य और दायित्व है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए.
महामंडलेश्वर का कहना है कि अगर हम सब इसी तरह एकता के सूत्र में बंद कर आपस में मदद करते रहे तो इस मुश्किल की घड़ी का ना तो आभास होगा और ना ही ये मुसीबत ज्यादा दिन तक टिक पाएगी.