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कंडम घोषित हो चुकी बिल्डिंग में चल रहा PHC, बढ़ रहा धाराशाई होने का खतरा, अब पंचायत भवन में होंगे ऑपरेशन

रोहतक में 31 साल पहले बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को सरकार ने 5 साल पहले कंडम घोषित कर दिया था. लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 डॉक्टर समेत 22 स्टाफ अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रोहतक पीएचसी की बिल्डिंग कंडम होने के कारण अब पंचायत भवन में ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया है. (Rohtak primary health center )

Rohtak primary health center building
रोहतक पीएचसी की बिल्डिंग जर्जर.
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 23, 2023, 12:33 PM IST

रोहतक पीएचसी की बिल्डिंग जर्जर.

रोहतक: 31 साल पहले बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को सरकार ने 5 साल पहले कंडम घोषित करने के बावजूद भी 4 डॉक्टरों समेत 22 स्वास्थ्यकर्मी डर के साए में काम कर रहे हैं. रोहतक जिले के समर गोपालपुर गांव में स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 54 हजार की आबादी और 10 उप स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. यही नहीं बिल्डिंग की हालत दयनीय होने के चलते अब स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूति और ऑपरेशन थिएटर विभाग को पंचायत भवन में चलाने का फैसला लिया गया है. अब लोगों का ऑपरेशन स्वास्थ्य केंद्र में नहीं, बल्कि पंचायत भवन में किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही को देखकर स्वास्थ्य अधिकारी भी बचते नजर आ रहे हैं. हालांकि जिला स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बिरला इस बिल्डिंग के बारे में प्रपोजल भेजने की बात कही है.

ये भी पढ़ें: रोहतक में गदर-2 फिल्म देखती रही पुलिस और बदमाशों ने मचाया 'गदर', एक युवक की घर में घुसकर हत्या, बीच बाजार दो गुटों में खूनी झड़प

बता दें कि, रोहतक जिले के समर गोपालपुर गांव में पीएचसी सेंटर यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग 5 साल पहले सरकार ने कंडम घोषित कर दी थी. इसके बावजूद भी डॉक्टर समेत 22 लोग डर के साए में यहां काम कर रहे हैं. 31 वर्ष यानी 1992 में कांग्रेस सरकार के समय में बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को 2018 में सरकार ने कंडम घोषित किया था. इस स्वास्थ्य केंद्र में 54 हजार की आबादी और 10 उप स्वास्थ्य केंद्र काम करते हैं, जिसमें 4 डॉक्टर, 4 स्टाफ नर्स, समेत 22 कर्मचारी तैनात हैं.

ये भी पढ़ें: Rohtak Crime News: दो गुटों में चले लाठी-डंडे, फायरिंग में दो युवक घायल, सीसीटीवी में कैद वारदात

बिल्डिंग इतनी कमजोर है कि कभी भी गिर सकती है. इसलिए डॉक्टर ज्यादातर समय बिल्डिंग के बाहर रहकर ही काम करते हैं, ताकि कोई हादसा ना हो. यही नहीं स्वास्थ्य विभाग की हालत ऐसी हो गई है कि प्रसूति विभाग और ऑपरेशन थिएटर में होने वाले लोगों के ऑपरेशन को अब विभाग पंचायत भवन में शिफ्ट करने की तैयारी है. जहां पर प्रसूति के दौरान महिलाओं के ऑपरेशन किए जाएंगे, जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ है.

पीडब्ल्यूडी द्वारा बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया गया था. इसका एक प्रपोजल बनाकर उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है. अस्थाई तौर पर बिल्डिंग को समर गोपालपुर गांव में ही पंचायत भवन में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित काम चलता रहे. किसी भी प्रकार की दिक्कत लोगों को नहीं आने दी जाएगी. - अनिल विरला, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

हालांकि उन्होंने माना कि बिल्डिंग पूरी तरह से कंडम हो चुकी है. गौर रहे कि, बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी गिर सकती है. जिससे बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अगर यहां कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी यह बड़ा सवाल है.

रोहतक पीएचसी की बिल्डिंग जर्जर.

रोहतक: 31 साल पहले बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को सरकार ने 5 साल पहले कंडम घोषित करने के बावजूद भी 4 डॉक्टरों समेत 22 स्वास्थ्यकर्मी डर के साए में काम कर रहे हैं. रोहतक जिले के समर गोपालपुर गांव में स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 54 हजार की आबादी और 10 उप स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. यही नहीं बिल्डिंग की हालत दयनीय होने के चलते अब स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूति और ऑपरेशन थिएटर विभाग को पंचायत भवन में चलाने का फैसला लिया गया है. अब लोगों का ऑपरेशन स्वास्थ्य केंद्र में नहीं, बल्कि पंचायत भवन में किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही को देखकर स्वास्थ्य अधिकारी भी बचते नजर आ रहे हैं. हालांकि जिला स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बिरला इस बिल्डिंग के बारे में प्रपोजल भेजने की बात कही है.

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बता दें कि, रोहतक जिले के समर गोपालपुर गांव में पीएचसी सेंटर यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग 5 साल पहले सरकार ने कंडम घोषित कर दी थी. इसके बावजूद भी डॉक्टर समेत 22 लोग डर के साए में यहां काम कर रहे हैं. 31 वर्ष यानी 1992 में कांग्रेस सरकार के समय में बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग को 2018 में सरकार ने कंडम घोषित किया था. इस स्वास्थ्य केंद्र में 54 हजार की आबादी और 10 उप स्वास्थ्य केंद्र काम करते हैं, जिसमें 4 डॉक्टर, 4 स्टाफ नर्स, समेत 22 कर्मचारी तैनात हैं.

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बिल्डिंग इतनी कमजोर है कि कभी भी गिर सकती है. इसलिए डॉक्टर ज्यादातर समय बिल्डिंग के बाहर रहकर ही काम करते हैं, ताकि कोई हादसा ना हो. यही नहीं स्वास्थ्य विभाग की हालत ऐसी हो गई है कि प्रसूति विभाग और ऑपरेशन थिएटर में होने वाले लोगों के ऑपरेशन को अब विभाग पंचायत भवन में शिफ्ट करने की तैयारी है. जहां पर प्रसूति के दौरान महिलाओं के ऑपरेशन किए जाएंगे, जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ है.

पीडब्ल्यूडी द्वारा बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया गया था. इसका एक प्रपोजल बनाकर उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है. अस्थाई तौर पर बिल्डिंग को समर गोपालपुर गांव में ही पंचायत भवन में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित काम चलता रहे. किसी भी प्रकार की दिक्कत लोगों को नहीं आने दी जाएगी. - अनिल विरला, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

हालांकि उन्होंने माना कि बिल्डिंग पूरी तरह से कंडम हो चुकी है. गौर रहे कि, बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी गिर सकती है. जिससे बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. अगर यहां कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी यह बड़ा सवाल है.

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