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मेडिकल स्टोर पर नशा रखने वालों की खैर नहीं, पुलिस ने चलाया खोज अभियान - रोहतक मेडिकल स्टोर जांच अभियान

रोहतक में पुलिस की ओर से नशे पर अंकुश लगाने के लिए दो दिन का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत पुलिस मेडिकल स्टोर की जांच करेगी, जिसमें अगर किसी मेडिकल स्टोर पर अवैध नशीली दवा पाई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी.

Rohtak campaign against drug
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Published : Feb 24, 2020, 7:57 PM IST

रोहतक: प्रदेश में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रतिबंधित दवाओं की खोज के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है. इस कड़ी में रोहतक जिला प्रशासन भी अगले 2 दिनों तक जिला के सभी दवा विक्रेताओं की दुकानों की जांच करेगा.

नशे के खिलाफ मुहिम

जांच में ये जानने की कोशिश कि जाएगी कि जिले में कहीं प्रतिबंधित दवाएं तो नहीं बिक रही हैं, जो युवाओं को नशे की ओर धकेल रही हैं. युवाओं को नशे से दूर करने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. जागरुकता सेमिनार करवाए जा रहे हैं.

मेडिकल स्टोर पर नशा रखने वालों की खैर नहीं, पुलिस ने चलाया खोज अभियान

नशे के खिलाफ सेमिनार

साथ ही नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग की जाएगी. जिले में नशामुक्ति केंद्रों को अच्छी तरह से दुरु्त करने के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. इसी कड़ी में शारीरिक शिक्षा के नए आयाम के तहत महारानी किशोरी जाट कन्या महा विद्यालय में 2 दिन का सेमिनार आयोजित किया गया है. जिस के समापन अवसर पर रोहतक के उपायुक्त आरएस वर्मा और अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल ने फिजिकल एजुकेशन से जुड़े प्रशिक्षक और छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए.

नशे के खिलाफ सतर्क सरकार

रोहतक के उपायुक्त आरएस वर्मा ने छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि युवा किसी भी कीमत पर नशे से दूर रहे क्योंकि अगर इंसान की सेहत ठीक रहेगी तो वो हर क्षेत्र में प्रगति कर सकता है. समाज में नशा कोढ़ की तरह है, जिसको लेकर हरियाणा सरकार सतर्क है.

मेडिकल स्टोर की होगी जांच

उसी नीति के तहत रोहतक जिला प्रशासन अगले दो दिनों तक पूरे जिले में नशे के रूप में प्रयोग होने वाले पदार्थ और दवाइयों का खोज अभियान शुरू करने जा रहा है. जिसमें जिले की सभी दवा विक्रेता की दुकानों की जांच की जाएगी कि कहीं दवा दुकानों पर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री तो नहीं हो रही है.

नशे के खिलाफ पुलिस की मुहिम

इससे पहले चलाए गए खोज अभियान में जिले में लगभग 4:30 लाख रुपये की अवैध दवाइयां प्रशासन ने खोजी थी. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. युवा नशे से दूर रहे इसके लिए काफी आधुनिक सुविधाएं युवाओं के क्षेत्र में देखने को मिल रही है. जो युवा नशे से पीड़ित हैं, उनकी काउंसलिंग का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा.

ये भी पढ़ें- सुरजेवाला की फाइल को खट्टर सरकार ने 4 साल बाद दी मंजूरी, 6 साल में सिर्फ सरिए ही लगे

'नहीं बढ़ने दिया जाएगा नशे का व्यापार'

दूरदराज से आने वाले पीड़ित लोगों के लिए प्रशासन द्वारा ठहरने की व्यवस्था की भी जाएगी. जिला प्रशासन के पास 25 बेड के एक अस्पताल की भी व्यवस्था है, जहां पर नशा पीड़ितों का इलाज किया जाता है. जिला उपायुक्त ने कहा कि किसी भी कीमत पर जिले में नशे का अवैध व्यापार नहीं पनपने दिया जाएगा.

रोहतक: प्रदेश में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रतिबंधित दवाओं की खोज के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है. इस कड़ी में रोहतक जिला प्रशासन भी अगले 2 दिनों तक जिला के सभी दवा विक्रेताओं की दुकानों की जांच करेगा.

नशे के खिलाफ मुहिम

जांच में ये जानने की कोशिश कि जाएगी कि जिले में कहीं प्रतिबंधित दवाएं तो नहीं बिक रही हैं, जो युवाओं को नशे की ओर धकेल रही हैं. युवाओं को नशे से दूर करने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं. जागरुकता सेमिनार करवाए जा रहे हैं.

मेडिकल स्टोर पर नशा रखने वालों की खैर नहीं, पुलिस ने चलाया खोज अभियान

नशे के खिलाफ सेमिनार

साथ ही नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग की जाएगी. जिले में नशामुक्ति केंद्रों को अच्छी तरह से दुरु्त करने के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. इसी कड़ी में शारीरिक शिक्षा के नए आयाम के तहत महारानी किशोरी जाट कन्या महा विद्यालय में 2 दिन का सेमिनार आयोजित किया गया है. जिस के समापन अवसर पर रोहतक के उपायुक्त आरएस वर्मा और अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल ने फिजिकल एजुकेशन से जुड़े प्रशिक्षक और छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए.

नशे के खिलाफ सतर्क सरकार

रोहतक के उपायुक्त आरएस वर्मा ने छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि युवा किसी भी कीमत पर नशे से दूर रहे क्योंकि अगर इंसान की सेहत ठीक रहेगी तो वो हर क्षेत्र में प्रगति कर सकता है. समाज में नशा कोढ़ की तरह है, जिसको लेकर हरियाणा सरकार सतर्क है.

मेडिकल स्टोर की होगी जांच

उसी नीति के तहत रोहतक जिला प्रशासन अगले दो दिनों तक पूरे जिले में नशे के रूप में प्रयोग होने वाले पदार्थ और दवाइयों का खोज अभियान शुरू करने जा रहा है. जिसमें जिले की सभी दवा विक्रेता की दुकानों की जांच की जाएगी कि कहीं दवा दुकानों पर प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री तो नहीं हो रही है.

नशे के खिलाफ पुलिस की मुहिम

इससे पहले चलाए गए खोज अभियान में जिले में लगभग 4:30 लाख रुपये की अवैध दवाइयां प्रशासन ने खोजी थी. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई. युवा नशे से दूर रहे इसके लिए काफी आधुनिक सुविधाएं युवाओं के क्षेत्र में देखने को मिल रही है. जो युवा नशे से पीड़ित हैं, उनकी काउंसलिंग का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा.

ये भी पढ़ें- सुरजेवाला की फाइल को खट्टर सरकार ने 4 साल बाद दी मंजूरी, 6 साल में सिर्फ सरिए ही लगे

'नहीं बढ़ने दिया जाएगा नशे का व्यापार'

दूरदराज से आने वाले पीड़ित लोगों के लिए प्रशासन द्वारा ठहरने की व्यवस्था की भी जाएगी. जिला प्रशासन के पास 25 बेड के एक अस्पताल की भी व्यवस्था है, जहां पर नशा पीड़ितों का इलाज किया जाता है. जिला उपायुक्त ने कहा कि किसी भी कीमत पर जिले में नशे का अवैध व्यापार नहीं पनपने दिया जाएगा.

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