रोहतक: भाली आनंदपुर में गोलीकांड (Rohtak bride shooting case) का शिकार हुई दुल्हन तनिष्का अब घर आ चुकी है. गुरूग्राम के मेदांता मेडिसिटी (Medanta Medicity Gurugram) में 17 दिन तक भर्ती रहने के बाद उसे छुट्टी मिल गई है. वह फिलहाल अपने घर में है. उसके हाथों में अभी तक मेहंदी लगी हुई है. एक दिसंबर की रात को हुए गोलीकांड के बाद तनिष्का ने पहली बार इस पूरे मामले को लेकर अपने मन की बात की. बातचीत के दौरान एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि अब भी उसके शरीर में 5 गोलियां हैं.
तनिष्का का कहना है कि किरण बेदी की तरह ही पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है. वह कहती है कि किसी से भी दबने या डरने की जरूरत नहीं है. गोली का जवाब गोली से ही मिलना चाहिए. तनिष्का की इच्छा है कि उसे गोली मारने वाले दरिंदे को फांसी की सजा मिले. तनिष्का ने खास बातचीत में कहा कि उसे अभी बहुत सारी मेहनत करनी है. पढाई कर किरण बेदी की तरह कम से कम डीएसपी बनना है. वे किरण बेदी से काफी इंस्पायर है. यही वजह है कि रह-रह कर उसकी जुबान पर किरण बेदी का नाम आ ही जाता है.
तनिष्का का कहना है कि जीवन में अगर कभी कोई परेशान करे तो डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं है. बस अपने अंदर हिम्मत लानी चाहिए. वह मानती है कि आज के समय में लड़कियां बाहर और काम के दौरान सुरक्षित नहीं हैं. तनिष्का कहती है कि उसे गोलियां मारने वाले साहिल को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि वह आगे कभी किसी को परेशान न कर सके. उसका कहना है कि साहिल को जेल भेजा जाना कोई सजा नहीं है. वह वहां बड़े आराम से दूसरों से बात कर रहा होगा. अच्छे से खाना भी मिल रहा होगा.
गुरूग्राम के मेदांता मेडिसिटी में होश आने के बाद रोजाना कई-कई इंजेक्शन लगाए जाते हैं. इस दौरान रह रह कर उसे एक दिसंबर की रात वाली घटना याद आ जाती थी. कहां तो शादी के बाद उसे ससुराल की दहलीज पर कदम रखना था और कहां साहिल ने हैवानियत दिखाते हुए उसे गोलियां मार दी. उसके शरीर में अभी भी 5 गोलियां हैं, जो उसकी हालत में और सुधार होने पर मेदांता मेडिसिटी में बाद में निकाली जाएंगी.
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तनिष्का ने विशेष बातचीत में कहा कि उसे अभी बहुत सारी मेहनत करनी है. पढाई कर किरण बेदी की तरह कम से कम डीएसपी बनना है. बेदी ने उनके मन- मष्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ी है. यही वजह है कि रह रह कर उसकी जुबान पर किरण बेदी का नाम आ ही जाता है. तनिष्का का कहना है कि जीवन में अगर कभी कोई परेशान करे तो उससे डरने या दबने की जरूरत नहीं है. बस हिम्मत होनी चाहिए. वह मानती है कि आज के समय में लड़कियां बाहर और काम के दौरान सुरक्षित नहीं हैं.
पीजीआईएमएस में निकाली गई थी सिर्फ एक गोली
गोलियां लगने के बाद तनिष्का को गंभीर हालत में पीजीआईएमएस रोहतक के ट्रामा सेंटर में लाया गया था. यहां डाक्टारों ने सिर्फ हाथ में लगी एक गोली ही निकाली थी. जबकि बाकी गोलियां हालत गंभीर होने की वजह से नहीं निकाली जा सकी थी. ऐसे में उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी. तनिष्का की ताई निर्मला का कहना है कि पीजीआईएमएस में जब हालत में सुधार नहीं हुआ तब उसे बेहतर इलाज के लिए मेदांता मेडिसिटी ले जाया गया था. मेदांता में जाने के बाद ही तनिष्का की हालत में सुधार हुआ जबकि पीजीआईएमएस में तो उसकी जान जाने का खतरा था. मेदांता में फिलहाल उसके जबड़े की सर्जरी हुई है.
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भाली आनंदपुर के मोहन से हुई थी तनिष्का की शादी
सांपला की रहने वाली तनिष्का की शादी एक दिसंबर को भाली आनंदपुर के मोहन के साथ हुई थी. शादी समारोह संपन्न होने के बाद वह दूल्हे मोहन के साथ ससुराल जा रही थी. कार में मोहन का चचेरा भाई सुनील और तनिष्का का भाई उज्ज्वल भी था. भाली आनंदपुर के शिव मंदिर के बाद इनोवा गाड़ी में साथियों के साथ सवार होकर आए सांपला के साहिल ने उसे गोलियां मार दी थी. तनिष्का को गंभीर हालत में पीजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था.
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