रोहतक: 21 दिन की फरलो खत्म होने के बाद राम रहीम बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस सुनारिया जेल रोहतक पहुंचा. राजस्थान चुनाव से पहले राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली थी. फरलो की 21 दिन की अवधि के दौरान राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहा. इससे पहले 20 जुलाई 2023 को राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी. इसी साल 21 जनवरी को उसे 40 दिन की पैरोल मिली थी.
राजस्थान चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को फरलो मिलने पर सवाल भी उठे थे. माना जाता है कि डेरा सच्चा सौदा का राजस्थान के कई जिलों में प्रभाव है. इस बारे में जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि किसी भी सजायाफ्ता कैदी के लिए पैरोल या फरलो मिलना उसका कानूनी अधिकार है. गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा हुई है.
इसके अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई है. राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था. पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया. 28 अगस्त को जेल परिसर में ही सीबीआई की विशेष कोर्ट लगी.
सीबीआई जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. जनवरी 2019 में सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अक्टूबर 2021 में डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई थी. जेल परिसर में राम रहीम को अलग बैरक में रखा गया है. जेल परिसर में राम रहीम से समय-समय पर परिजन और वकील मुलाकात करते रहते हैं.
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