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PGI ने बीडीएस फाइनल परीक्षाओं के लिए घोषित की डेटशीट, NSUI पहुंचा हाईकोर्ट - एनएसयूआई हाई कोर्ट

एनएसयूआई ने अपनी याचिका में कहा है कि डेट शीट निकाला जाना गृह मंत्रालय और केंद्रीय सरकार की गाइडलाइंस के खिलाफ है.

pgi announces datesheet for examinations, nsui reaches high court
PGI ने बीडीएस फाइनल परीक्षाओं के लिए घोषित की डेटशीट
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Published : Aug 6, 2020, 8:35 PM IST

चंडीगढ़: पीजीआई रोहतक की तरफ से 11 अगस्त से बीडीएस फाइनल सत्र के छात्रों की परीक्षाएं निर्धारित कर डेटशीट जारी की गई है. डेटशीट आने के बाद परीक्षाओं को लेकर हरियाणा एनएसयूआई ने मोर्चा खड़ा कर दिया है. इस मामले को लेकर एनएसयूआई हाईकोर्ट में भी गई.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार डेंटल काउंसिल और पीजीआई रोहतक को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.

देखिए रिपोर्ट

एनएसयूआई ने याचिका में क्या कहा?

एनएसयूआई ने अपनी याचिका में कहा है कि डेट शीट निकाला जाना गृह मंत्रालय और केंद्रीय सरकार की गाइडलाइंस के खिलाफ है. क्योंकि अभी 31 अगस्त तक सभी कॉलेज, स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित किया जाना ना केवल छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ है, बल्कि संक्रमण के फैलने का भी खतरा है.

याचिका में यह भी कहा गया कि करोना महामारी के चलते संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश को गृह मंत्रालय के आदेश अनुसार लॉकडाउन में रखा गया था, जिसके चलते सबसे ज्यादा नुकसान देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को हुआ है. इनमें भी मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों के साथ सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया कर रही है. एक तरफ तो जहां प्रदेश में सत्तासीन विधायक, सांसद सुरक्षित नहीं है. संक्रमण का शिकार है तो वहीं मेडिकल टीम के छात्रों को परीक्षाओं में भेजकर मौत के कुएं में डालने का काम सरकार कर रही है.

इस डेट शीट को एनएसयूआई ने गैरकानूनी अनुचित और अनैतिक बताते हुए कहा है कि ये छात्र विरोधी फैसला ना केवल गृह मंत्रालय के आदेशों की अवमानना है, बल्कि यह राज्य सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस को भी दरकिनार करता है.

ये भी पढ़िए: पहली बरसी पर देश कर रहा सुषमा स्वराज को याद, हरियाणा के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

चंडीगढ़: पीजीआई रोहतक की तरफ से 11 अगस्त से बीडीएस फाइनल सत्र के छात्रों की परीक्षाएं निर्धारित कर डेटशीट जारी की गई है. डेटशीट आने के बाद परीक्षाओं को लेकर हरियाणा एनएसयूआई ने मोर्चा खड़ा कर दिया है. इस मामले को लेकर एनएसयूआई हाईकोर्ट में भी गई.

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार डेंटल काउंसिल और पीजीआई रोहतक को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी.

देखिए रिपोर्ट

एनएसयूआई ने याचिका में क्या कहा?

एनएसयूआई ने अपनी याचिका में कहा है कि डेट शीट निकाला जाना गृह मंत्रालय और केंद्रीय सरकार की गाइडलाइंस के खिलाफ है. क्योंकि अभी 31 अगस्त तक सभी कॉलेज, स्कूल और शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित किया जाना ना केवल छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ है, बल्कि संक्रमण के फैलने का भी खतरा है.

याचिका में यह भी कहा गया कि करोना महामारी के चलते संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश को गृह मंत्रालय के आदेश अनुसार लॉकडाउन में रखा गया था, जिसके चलते सबसे ज्यादा नुकसान देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को हुआ है. इनमें भी मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों के साथ सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया कर रही है. एक तरफ तो जहां प्रदेश में सत्तासीन विधायक, सांसद सुरक्षित नहीं है. संक्रमण का शिकार है तो वहीं मेडिकल टीम के छात्रों को परीक्षाओं में भेजकर मौत के कुएं में डालने का काम सरकार कर रही है.

इस डेट शीट को एनएसयूआई ने गैरकानूनी अनुचित और अनैतिक बताते हुए कहा है कि ये छात्र विरोधी फैसला ना केवल गृह मंत्रालय के आदेशों की अवमानना है, बल्कि यह राज्य सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस को भी दरकिनार करता है.

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