रोहतक: हरियाणा में 5 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन की लूट (mobile robbery case in rohtak) में शामिल आरोपी दीपक को रोहतक पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ यानी रोहतक की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने मध्य प्रदेश के देवास जिला से आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस आरोपी पर हरियाणा पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. एसटीएफ रोहतक ने आरोपी को आगामी पूछताछ के लिए धारूहेड़ा पुलिस की अपराध जांच शाखा को सौंप दिया है.
रोहतक पुलिस के मुताबिक 27 मई 2022 को बावल स्थित डीबीजी टेक्नोलॉजी कंपनी से एक कंटेनर में करीब 5 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन नोएडा के लिए रवाना किए गए थे. कंटेनर चालक कृष्ण रेवाड़ी के बावल से नोएडा के लिए रवाना हुआ. जब वो दिल्ली-जयपुर हाइवे पर असाही पुल के पास पहुंचा, तो एक गाड़ी में सवार बदमाशों ने उसका रास्ता रोक लिया. कंटेनर के रुकते ही 4 बदमाश गाड़ी से उतरे और कंटेनर चालक को बंधक बनाकर गाड़ी में डाल लिया.
फिर बदमाश मोबाइल फोन से भरे कंटेनर को लेकर फरार हो गए. इस दौरान बदमाश कंटेनर चालक को रोहतक के पास फेंककर फरार हो गए. जिसके बाद कंटेनर चालक ने पूरी वारदात की जानकारी कंपनी मालिक को दी. कंटेनर में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) लगा हुआ था. जिससे मिले सिग्नल के आधार पर पुलिस की टीम (rohtak special task force) कंटेनर तक पहुंची. पुलिस को कंटेनर एक होटल के पास खाली खड़ा मिला.
कंपनी की सहायक महाप्रबंधक उर्वशी शर्मा की शिकायत पर कसौला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. एसटीएफ रोहतक के इंचार्ज नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस मामले में रेवाड़ी पुलिस की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था, लेकिन आरोपियों का सुराग नहीं लग पाया. जांच के बाद इस वारदात में 8 आरोपियों के शामिल होने की बात सामने आई. जिन पर हरियाणा पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया. बाद में एफटीएफ रोहतक को ये मामला सौंपा गया.
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जिसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर रोहतक एसआईटी ने मध्य प्रदेश के देवास जिले के चिड़ावद गांव से दीपक को गिरफ्तार किया है. बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है. इस आरोपी पर देवास जिला में पहले से ही कई आपाधिक मामले दर्ज हैं. थाना इंचार्ज ने बताया कि आरोपी दीपक को पकड़ने के लिए काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे. एसटीएफ की टीम ने 2 बार आरोपी के गांव में दबिश भी दी, लेकिन वो हाथ नहीं लगा. तब ग्रामीणों ने भी पुलिस टीम की कार्रवाई का विरोध किया. तीसरी बार टीम को सफलता मिली और आरोपी को पकड़ लिया गया.