रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में रोहतक में एमबीबीएस छात्रों की भूख हड़ताल (mbbs students protest in rohtak) जारी है. बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठी एमबीबीएस छात्रा की हालत बिगड़ गई. जिसे इमरजेंसी में भर्ती किया गया. फिलहाल छात्रा ही हालत सामान्य बताई जा रही है. डॉक्टर लगातार उसके स्वास्थ्य पर ध्यान रखे हुए हैं.
दरअसल 24 नवंबर से पीजीआईएमएस में एमबीबीएस विद्यार्थी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जिसके तहत 10 विद्यार्थी 48 घंटे के लिए भूख हड़ताल पर बैठते हैं. फिर उसके बाद अगले 10 विद्यार्थी भूख हड़ताल के जरिए रोष जताते हैं. इसी क्रम में एमबीबीएस की वर्ष 2020 बैच की छात्रा नेहा राव भी भूख हड़ताल पर पीजीआईएमएस के डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर बैठी हुई थी.
मंगलवार रात ढाई बजे अचानक ही उसकी हालत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे तुरंत एंबुलेंस के जरिए पीजीआईएमएस में के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. गौरतलब है कि बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एक नवंबर से एमबीबीएस विद्यार्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
एक नवंबर से शुरू हुआ था आंदोलन: बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एक नवंबर से पीजीआईएमसस रोहतक में आंदोलन की शुरूआत हुई थी. इस दिन रोष मार्च निकाला गया था. फिर 2 नवंबर को पीजीआईएमएस में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर एमबीबीएस विद्यार्थी धरने पर बैठ गए थे. तब से लगातार धरना चल रहा है और रोजाना ही इस धरनास्थल पर विभिन्न संगठन पहुंचकर आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं.
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रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी एमबीबीएस विद्यार्थियों का पुरजोर समर्थन करते हुए हड़ताल कर दी थी, लेकिन 30 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ में मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म कर दी थी. वो 2 दिसंबर से ओपीडी सेवाओं में काम पर लौट आए. हालांकि रेजीडेंट डॉक्टर्स ने 19 नवंबर को एक घंटे, 21 नवंबर को 2 घंटे, 22 नवंबर को 3 घंटे और 23 नवंबर को 4 घंटे तक ओपीडी में हड़ताल की थी. 24 नवंबर से तो वो पूर्ण रूप से हड़ताल पर चले गए थे.