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बॉन्ड पॉलिसी विवाद: वार्षिक परीक्षाओं का ​बहिष्कार करेंगे एमबीबीएस विद्यार्थी - Bond policy Haryana

बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है. इसी बीच एमबीबीएस छात्रों ने वार्षिक परीक्षाओं (MBBS students boycott annual exam) का ​बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है.

MBBS student protests in Rohtak MBBS students boycott annual exam Bond policy Haryana
बॉन्ड पॉलिसी विवाद: वार्षिक परीक्षाओं का ​बहिष्कार करेंगे एमबीबीएस विद्यार्थी
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Published : Dec 16, 2022, 1:38 PM IST

एमबीबीएस छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन कर रहे पीजीआईएमएस (MBBS student protests in Rohtak) के एमबीबीएस विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे. एमबीबीएस ​की वार्षिक परीक्षाएं 26 दिसंबर से प्रारंभ होने जा रही है. बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy Haryana) का विरोध कर रहे छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है. एमबीबीएस विद्यार्थियों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए उन्होंने परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया है.

एमबीबीएस विद्यार्थी प्रिया कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ 30 नवंबर को तीसरे दौर की वार्ता हुई थी. इस वार्ता के दौरान बॉन्ड राशि 40 लाख रुपए की जगह 30 लाख रुपए करने और समय सीमा 7 वर्ष की बजाय 5 वर्ष करने की घोषणा की गई थी. लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मेडिकल शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है. बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पीजीआईएमएस में एक नवंबर से आंदोलन चल रहा है. 24 नवंबर से एमबीबीएस विद्यार्थी पीजीआईएमएस में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

MBBS student protests in Rohtak MBBS students boycott annual exam Bond policy Haryana
बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है.

पढ़ें: MBBS students protest in Rohtak: पीजीआई में 2 बैच के विद्यार्थी लगाएंगे क्लास, धरना रहेगा जारी

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 से बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. 30 नवंबर को एमबीबीएस विद्यार्थियों व रेजीडेंट डॉक्टर्स की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से वार्ता हुई. इस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री ने बॉन्ड राशि 40 लाख रुपए की बजाय 30 लाख रुपए और समय सीमा 7 साल की बजाय 5 साल करने की घोषणा की थी. लेकिन एमबीबीएस विद्यार्थियों ने उसी दौरान इस घोषणा को नकार कर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया था. अगले दिन एक दिसंबर की रात को पीजीआईएमएस के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली थी और वे 2 दिसंबर से काम पर लौट आए थे.

पढ़ें: रोहतक में एबीबीएस छात्रों के समर्थन में वकील, वर्क सस्पेंड कर रखा उपवास

एमबीबीएस छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन कर रहे पीजीआईएमएस (MBBS student protests in Rohtak) के एमबीबीएस विद्यार्थी वार्षिक परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे. एमबीबीएस ​की वार्षिक परीक्षाएं 26 दिसंबर से प्रारंभ होने जा रही है. बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy Haryana) का विरोध कर रहे छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है. एमबीबीएस विद्यार्थियों का कहना है कि वे पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए उन्होंने परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया है.

एमबीबीएस विद्यार्थी प्रिया कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ 30 नवंबर को तीसरे दौर की वार्ता हुई थी. इस वार्ता के दौरान बॉन्ड राशि 40 लाख रुपए की जगह 30 लाख रुपए करने और समय सीमा 7 वर्ष की बजाय 5 वर्ष करने की घोषणा की गई थी. लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मेडिकल शिक्षा को बर्बाद करना चाहती है. बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पीजीआईएमएस में एक नवंबर से आंदोलन चल रहा है. 24 नवंबर से एमबीबीएस विद्यार्थी पीजीआईएमएस में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

MBBS student protests in Rohtak MBBS students boycott annual exam Bond policy Haryana
बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सरकार और एमबीबीएस विद्यार्थियों के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है.

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प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 से बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. 30 नवंबर को एमबीबीएस विद्यार्थियों व रेजीडेंट डॉक्टर्स की बॉन्ड पॉलिसी को लेकर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से वार्ता हुई. इस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री ने बॉन्ड राशि 40 लाख रुपए की बजाय 30 लाख रुपए और समय सीमा 7 साल की बजाय 5 साल करने की घोषणा की थी. लेकिन एमबीबीएस विद्यार्थियों ने उसी दौरान इस घोषणा को नकार कर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया था. अगले दिन एक दिसंबर की रात को पीजीआईएमएस के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली थी और वे 2 दिसंबर से काम पर लौट आए थे.

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