रोहतकः लिटिल श्री स्कूल के बाहर से साढ़े 6 साल के बच्चे लवयांश केअपहरण मामले में (Lavyansh kidnapping case rohtak) नया मोड आ गया है. रविवार को मामले में आरोपी बच्चे के पिता मनोज धनखड़ ने उनके पर लगे सभी आरोपों को झूठ बताया है. उन्होंने बच्चे के अपहरण के मामले को अपनी पत्नी निहारिका व ससुर सुरेंद्र दांगी का षड्यंत्र बताया. धनखड़ ने कहा कि पुलिस में दर्ज करवाया गया अपहरण का केस बेबुनियाद व निराधार है. वह कोर्ट के आदेश पर बेटे लवयांश से मिलने स्कूल गया था. फिर बेटे के कहने पर उसे घूमाने के लिए नैनीताल लेकर गया था.
मनोज धनखड़ ने बताया कि वह और निहारिका एक ही स्कूल में पढ़ते थे. वर्ष 2012 में उन्होंने लव मैरिज की थी. साल 2016 में लवयांश का जन्म हुआ था. निहारिका के विदेश में पढने के लिए उसके पिता सुरेंद्र दांगी को 40 लाख रूपए दिए थे. लेकिन यह राशि निजी काम धंधों में लगा दी. बाद में पत्नी निहारिका के साथ विवाद हो गया और वह बेटे लवयांश को लेकर मायके चली गई. साथ ही कोर्ट में तलाक का केस भी दायर कर दिया. इसके बाद मनोज ने लवयांश की कस्टडी के लिए कोर्ट में याचिका दायर की.
कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रत्येक शनिवार व रविवार को मनोज बेटे लवयांश को अपने साथ घर पर ले जा सकता है. लेकिन मनोज का आरोप है कि निहारिका और उसके परिजन बच्चे से मिलने नहीं देते थे. निहारिका ने हाईकोर्ट में बच्चे को अपने साथ विदेश ले जाने के लिए केस किया जोकि रद्द हो गया. बता दें कि, 25 अगस्त को लिटिल श्री स्कूल रोहतक के (litilshri school rohtak) के बाहर से साढे 6 साल के लवयांश उर्फ आरव का अपहरण कर लिया गया था. बच्चे के परनाना उसे स्कूल की छुट्टी के बाद घर लाने के लिए गए हुए थे. उसी दौरान बच्चे का पिता मनोज व उसकी बुआ वहां पहुंच गए. वो बच्चे को जबरन अपने साथ ले गए.
बच्चे के नाना सुरेंद्र दांगी की शिकायत पर अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन में बच्चे के पिता मनोज धनखड़ पर अपहरण का केस दर्ज हुआ. दरअसल लवयांश के पिता मनोज व मां निहारिका के पिता काफी समय से विवाद चल रहा है. जिसके चलते दोनों अलग-अलग रह रहे हैं. फिलहाल लवयांश अपने नाना-नानी के पास था. उसकी मां निहारिका आयरलैंड में थी. 3 दिन बाद वह भी आयरलैंड से रोहतक पहुंच गई. इसके बाद निहारिका ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि पति के साथ कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है.
एसपी उदय सिंह मीना ने इस मामले की जांच अपराध जांच शाखा को सौंपी थी. 7 सितंबर को मनोज ने लवयांश को साथ लेकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पुलिस टीम ने चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी रोहतक (Child Welfare Committee Rohtak) के सामने लवयांश के बयान दर्ज कराए. जिसमें उसने पिता के पक्ष में ही बयान दिए. इस आधार पर अपहरण का केस होने के बावजूद मनोज को अगले दिन कोर्ट से जमानत मिल गई. लेकिन लवयांश को उसकी मां निहारिका के दे दिया गया था.