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रोहतक में साइबर ठगी पर नहीं लग रही लगाम, मंगलवार को 3 अलग-अलग वारदातों में लाखों की ठगी - Rohtak latest News

रोहतक में साइबर ठगी के मामलों (Cyber ​​fraud in Rohtak) में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है. मंगलवार को रोहतक में तीन अलग-अलग वारदातों में साइबर ठगों ने 3 लोगों को लाखों रूपयों का चूना लगा दिया.

Cyber ​​fraud in Rohtak
Cyber ​​fraud in Rohtak
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Published : Jan 11, 2022, 10:27 PM IST

रोहतक: जिले में ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती (Cyber ​​fraud in Rohtak) जा रही है. हालांकि पुलिस द्वारा लोगों को समय-समय पर सतर्कता बरतने की हिदायत दी जाती है. इसके बावजूद लोग साइबर ठगों के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. साइबर ठगों द्वारा भी ठगी करने के नए-नए तरीके इजात किये जा रहे हैं. कभी ओटीपी भेजकर तो कभी लिंक भेजकर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. मंगलवार को रोहतक में तीन लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया. जिसमें ठगों ने तीनों लोगों को लाखों रूपयों का चूना लगा दिया.

पहला मामला: पिता के पैसे लौटाने के नाम पर 99 हजार की चपत

रामगोपाल कॉलोनी निवासी अंकित कादियान के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई. जिसमें कॉल करने वाले ने अंकित को झांसे में लेकर कहा कि वो उसके पिता अशोक कादियान से उधार लिए पैसे पेटीएम या फोन पे के जरिए लौटाना चाहता है. इसलिए उसके पिता ने अंकित का नंबर दिया है. जिसपर अंकित ने अपना पेटीएम नंबर बताया. इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि यह मर्चेंट अकाउंट नंबर है. जिसमें क्रेडिट किया गया पैसा तभी जमा होगा जब वह उसी बैंक अकाउंट में समान राशि ट्रांसफर करेगा. अंकित उसके झांसे में आ गया और अपने कुल 99 हजार रूपए 2 बैंक अकाउंट में भेज दिए. लेकिन उसे कोई भी राशि वापस नहीं मिली. धोखाधड़ी (Cyber Crime Rohtak) का अहसास होने पर अंकित ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन ने आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया.

दूसरा मामला: फेसबुक पर कार खरीदने के विज्ञापन के चक्कर में गंवाए 1 लाख 42 रूपए

किलोई गांव के कृष्ण कुमार ने फेसबुक पर एक कार का विज्ञापन देखा. इस कार को खरीदने में उसने रूचि दिखाई और फिर विज्ञापन पर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल की. बातचीत के जरिए कार खरीदने पर सहमति बन गई और कृष्ण ने झांसे में आकर गूगल पे के जरिए दिए गए अकाउंट में 89 हजार 100 रूपए भेज दिए. इसके बाद और पैसों की मांग की गई. कृष्ण के कहने पर ही उसके दोस्त नवीन ने 25 हजार 650 रूपए और रवि ने भी 31 हजार 550 रूपए भेज दिए. कृष्ण ने फिर कार के संदर्भ में चर्चा की तो और पैसों की मांग की गई. उसके इंकार करने के बाद वह मोबाइल नंबर बंद मिला. फिर जब कृष्ण को अपने साथ ठगी (Cyber Crime Rohtak) का अहसास हुआ तो सदर पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी गई. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है.

ये भी पढ़ें- रोहतक में नर्सिंग ऑफिसर और उसकी बहन के साथ ठगी, परिचित बनकर ठगे 84 हजार रूपये

तीसरा मामला: महिला डॉक्टर के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक से लिया 70 लाख रूपए का लोन

सुभाष नगर की डॉ. पूर्णिमा देव अरोड़ा स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में चिकित्सक हैं. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय उन्हें पता चला कि उनके नाम से सेक्टर-1 रोहतक स्थित एक्सिस बैंक में अकाउंट खुला हुआ है. बैंक ब्रांच में जाकर पता किया तो उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड की कॉपी फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज के आधार पर अकाउंट खोला हुआ है और इस पर लोन भी लिया गया है. इसके बाद बैंक में जाकर सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) जेनरेट किया गया तो पता चला कि कई और बैंकों व फाइनेंस कंपनियों से भी फर्जी दस्तावेज के जरिए बैंक लोन (Cyber Crime Rohtak) लिया गया है, जो उनके पेन नंबर से ही लिंक हैं.

इस प्रकार डॉ. पूर्णिमा के नाम पर करीब 70 लाख रूपए का लोन फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिया गया है. इसके बाद डॉ. पूर्णिमा देव अरोड़ा ने अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर लिया है. डीएसपी सज्जन कुमार का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें- मदद मांगने आए बुजुर्ग से ठगी, आरोपी ने ATM कार्ड बदलकर निकाले 40 हजार रूपये

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रोहतक: जिले में ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती (Cyber ​​fraud in Rohtak) जा रही है. हालांकि पुलिस द्वारा लोगों को समय-समय पर सतर्कता बरतने की हिदायत दी जाती है. इसके बावजूद लोग साइबर ठगों के चंगुल में फंसते जा रहे हैं. साइबर ठगों द्वारा भी ठगी करने के नए-नए तरीके इजात किये जा रहे हैं. कभी ओटीपी भेजकर तो कभी लिंक भेजकर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. मंगलवार को रोहतक में तीन लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया. जिसमें ठगों ने तीनों लोगों को लाखों रूपयों का चूना लगा दिया.

पहला मामला: पिता के पैसे लौटाने के नाम पर 99 हजार की चपत

रामगोपाल कॉलोनी निवासी अंकित कादियान के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई. जिसमें कॉल करने वाले ने अंकित को झांसे में लेकर कहा कि वो उसके पिता अशोक कादियान से उधार लिए पैसे पेटीएम या फोन पे के जरिए लौटाना चाहता है. इसलिए उसके पिता ने अंकित का नंबर दिया है. जिसपर अंकित ने अपना पेटीएम नंबर बताया. इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि यह मर्चेंट अकाउंट नंबर है. जिसमें क्रेडिट किया गया पैसा तभी जमा होगा जब वह उसी बैंक अकाउंट में समान राशि ट्रांसफर करेगा. अंकित उसके झांसे में आ गया और अपने कुल 99 हजार रूपए 2 बैंक अकाउंट में भेज दिए. लेकिन उसे कोई भी राशि वापस नहीं मिली. धोखाधड़ी (Cyber Crime Rohtak) का अहसास होने पर अंकित ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन ने आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया.

दूसरा मामला: फेसबुक पर कार खरीदने के विज्ञापन के चक्कर में गंवाए 1 लाख 42 रूपए

किलोई गांव के कृष्ण कुमार ने फेसबुक पर एक कार का विज्ञापन देखा. इस कार को खरीदने में उसने रूचि दिखाई और फिर विज्ञापन पर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल की. बातचीत के जरिए कार खरीदने पर सहमति बन गई और कृष्ण ने झांसे में आकर गूगल पे के जरिए दिए गए अकाउंट में 89 हजार 100 रूपए भेज दिए. इसके बाद और पैसों की मांग की गई. कृष्ण के कहने पर ही उसके दोस्त नवीन ने 25 हजार 650 रूपए और रवि ने भी 31 हजार 550 रूपए भेज दिए. कृष्ण ने फिर कार के संदर्भ में चर्चा की तो और पैसों की मांग की गई. उसके इंकार करने के बाद वह मोबाइल नंबर बंद मिला. फिर जब कृष्ण को अपने साथ ठगी (Cyber Crime Rohtak) का अहसास हुआ तो सदर पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी गई. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 406, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है.

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तीसरा मामला: महिला डॉक्टर के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक से लिया 70 लाख रूपए का लोन

सुभाष नगर की डॉ. पूर्णिमा देव अरोड़ा स्वास्थ्य विभाग हरियाणा में चिकित्सक हैं. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय उन्हें पता चला कि उनके नाम से सेक्टर-1 रोहतक स्थित एक्सिस बैंक में अकाउंट खुला हुआ है. बैंक ब्रांच में जाकर पता किया तो उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड की कॉपी फर्जी तरीके से फर्जी दस्तावेज के आधार पर अकाउंट खोला हुआ है और इस पर लोन भी लिया गया है. इसके बाद बैंक में जाकर सिबिल (क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) जेनरेट किया गया तो पता चला कि कई और बैंकों व फाइनेंस कंपनियों से भी फर्जी दस्तावेज के जरिए बैंक लोन (Cyber Crime Rohtak) लिया गया है, जो उनके पेन नंबर से ही लिंक हैं.

इस प्रकार डॉ. पूर्णिमा के नाम पर करीब 70 लाख रूपए का लोन फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिया गया है. इसके बाद डॉ. पूर्णिमा देव अरोड़ा ने अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर लिया है. डीएसपी सज्जन कुमार का कहना है कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है.

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