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रोहतक से किसान न्याय यात्रा की शुरूआत, बेहतर जमीन अधिग्रहण मुआवजे की मांग - जनसमर्थन यात्रा

किसानों की भूमि अधिग्रहण मुआवजा व फसलों के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किसान न्याय यात्रा की रोहतक से शुरूआत हो गई है.

किसान न्याय यात्रा की रोहतक से शुरूआत
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Published : Aug 20, 2019, 8:01 PM IST

रोहतक: प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही यात्राओं का दौर शुरू हो गया है. सीएम खट्टर ने जहां अपनी जनसमर्थन यात्रा की शुरूआत की है.

वहीं किसान नेता रमेश दलाल ने किसानों की भूमि अधिग्रहण मुआवजा व फसलों के दाम बढ़ाने की मांगा को लेकर किसान न्याय यात्रा की शुरूआत कर दी है. यात्रा रोहतक के गढ़ी सांपला से शुरू होकर पानीपत होते हुए चरखी दादरी में समापन होगी, हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के आह्नान पर यात्रा निकाली जा रही है.

किसान न्याय यात्रा की रोहतक से शुरूआत

8 महीनों से कर रहे हैं आंदोलन
दलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग पिछले 8 महीनों से सोनीपत, झज्जर, रोहतक व जींद जिले के किसान अधिग्रहण हुई अपनी जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांग पर कोई विचार नही कर रही है.

दलाल ने आगे खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के मजबूत न होने का फायदा सरकार उठा रही है और खट्टर सरकार तानाशाह बन चुकी है. सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया.

ये हैं मांगे
प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि हमारी सरकार से मांग हैं कि जमीनों के रेट के अनुसार ही भूमि अधिग्रहण का मुआवजा दिया जाए और जो 152डी व 352ए नेशनल हाइवे की अधिग्रहित जमीन के लिए कम से कम 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए.

वहीं जहां भी शहरी क्षेत्र की जमीन का सरकार अधिग्रहण करती है. वहां कम से कम 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए और एसवाईएल का पानी की भी किसानों की जरूरत है, सरकार किसानों के लिए पानी का प्रबंध करे. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा.

रोहतक: प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही यात्राओं का दौर शुरू हो गया है. सीएम खट्टर ने जहां अपनी जनसमर्थन यात्रा की शुरूआत की है.

वहीं किसान नेता रमेश दलाल ने किसानों की भूमि अधिग्रहण मुआवजा व फसलों के दाम बढ़ाने की मांगा को लेकर किसान न्याय यात्रा की शुरूआत कर दी है. यात्रा रोहतक के गढ़ी सांपला से शुरू होकर पानीपत होते हुए चरखी दादरी में समापन होगी, हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के आह्नान पर यात्रा निकाली जा रही है.

किसान न्याय यात्रा की रोहतक से शुरूआत

8 महीनों से कर रहे हैं आंदोलन
दलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग पिछले 8 महीनों से सोनीपत, झज्जर, रोहतक व जींद जिले के किसान अधिग्रहण हुई अपनी जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांग पर कोई विचार नही कर रही है.

दलाल ने आगे खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के मजबूत न होने का फायदा सरकार उठा रही है और खट्टर सरकार तानाशाह बन चुकी है. सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया.

ये हैं मांगे
प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि हमारी सरकार से मांग हैं कि जमीनों के रेट के अनुसार ही भूमि अधिग्रहण का मुआवजा दिया जाए और जो 152डी व 352ए नेशनल हाइवे की अधिग्रहित जमीन के लिए कम से कम 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए.

वहीं जहां भी शहरी क्षेत्र की जमीन का सरकार अधिग्रहण करती है. वहां कम से कम 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए और एसवाईएल का पानी की भी किसानों की जरूरत है, सरकार किसानों के लिए पानी का प्रबंध करे. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा.

Intro:मुआवजा व फसलों का दाम बढ़ाने के किसान न्याय यात्रा शुरू
गढ़ी सांपला से शुरू यात्रा का चरखी दादरी में होगा समापन
मुख्यमंत्री पर लगाया तानाशाही का आरोप
मांगें मानने तक आंदोलन रहेगा जारी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां अपनी जनसमर्थन यात्रा की शुरुआत की है वहीं किसानों ने भूमि अधिग्रहण मुआवजा व फसलों के दाम बढ़ाने की मांग को लेकर किसान न्याय यात्रा की शुरुआत कर दी है। इस यात्रा का नेतृत्व हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल कर रहे हैं। यात्रा गढ़ी सांपला स्थित छोटूराम संग्रहालय से शुरू हुई और इसका समापन चरखी दादरी में होगा। दलाल ने आरोप लगाया कि मनोहर लाल खट्टर तो धृतराष्ट्र बने हुए बैठे हैं और किसानों की समस्याओं को लेकर कोई काम नहीं किया जा रहा है।

Body:दलाल ने कहा पिछले 8 महीने से सोनीपत, झज्जर, रोहतक व जींद जिले के किसान अधिग्रहण हुई अपनी जमीन का मुआवजा बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांग पर कोई विचार नही कर रही है। जिसके चलते किसान न्याय यात्रा की शुरुआत की गई है। उनकी मांग है कि जमीनों के भाव के अनुसार ही भूमि अधिग्रहण का मुआवजा दिया जाए। अभी जो 152डी व 352ए नेशनल हाईवे की अधिग्रहित जमीन के लिए कम से कम 2 करोड रुपए प्रति एकड़ मुआवजा होना चाहिए। वहीं जहां भी शहरी क्षेत्र की भूमि सरकार अधिग्रहण करती है, वहां कम से कम 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। यही नहीं किसानों की फसलों के दाम भी काफी कम है, इसलिए फसलों के दाम भी बढ़ाने की आवश्यकता है। एसवाईएल का पानी की भी किसानों की जरूरत है, इसलिए सरकार इस पानी के लिए प्रबंध करे। ऐसी लगभग 25 मांगों को लेकर इस न्याय यात्रा की शुरुआत की गई है।Conclusion:दलाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष मजबूत ने होने का फायदा उठाकर मनोहर लाल खट्टर तानाशाह बने हुए है। जिसे जनता बर्दास्त नही करेगी। सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया है। मनोहर लाल खट्टर अपनी जनसमर्थन यात्रा लेकर निकले हैं, उसी के बराबर में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर इस यात्रा की शुरुआत की है। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक यह आंदोलन यूं ही चलता रहेगा।

बाईट रमेश दलाल, अध्यक्ष, हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन
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