ETV Bharat / state

बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS छात्रों के समर्थन में उतरे खाप प्रधान - MBBS छात्रों को खाप प्रधानों का समर्थन

खाप प्रधानों ने बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस छात्रों (Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak) का समर्थन करने का ऐलान किया. विभिन्न खाप प्रधान रोहतक के पीजीआईएमएस में पहुंचे और उनकी मांगों को जायज बताया.

Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak
Rohtak: एमबीबीएस छात्रों को खाप प्रधानों का समर्थन,बांड पॉलिसी का कर रहे हैं विरोध
author img

By

Published : Nov 17, 2022, 6:39 PM IST

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस छात्रों का विभिन्न खाप प्रधानों (Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak) ने समर्थन किया है. खाप प्रधान गुरुवार को पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों का साथ देने का ऐलान किया. वहीं, आंदोलनकारी छात्रों ने शहर में नुक्कड़ नाटक कर आमजन को बॉन्ड पॉलिसी के नुकसान के बारे में बताया. एमबीबीएस छात्रों के आंदोलन को गुरुवार को 17 दिन हो गए. खाप प्रधानों के समर्थन के बाद इस आंदोलन को और मजबूती मिली है.

पीजीआईएमएस में गुरुवार को हुड्डा खाप, नांदल खाप, अहलावत खाप, देशवाल खाप समेत कई अन्य खापों के प्रधान व प्रतिनिधि पहुंचे. इन खाप प्रधानों ने एमबीबीएस छात्रों (Khap pradhaan supported MBBS students) की मांगों को जायज बताया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस आंदोलन में छात्रों के साथ खड़े हैं. खाप प्रधान जरूरत पड़ने पर छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठने को भी तैयार हैं. नांदल खाप के संयोजक महेंद्र सिंह नांदल व 84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत ने कहा कि प्रदेश सरकार जिद पर अड़ी हुई है. जबकि यह बांड पॉलिसी छात्रों के हित में नहीं है. इसलिए सरकार को अपनी जिद छोड़कर छात्रों के हित में बांड पॉलिसी को रद्द करना चाहिए.

Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak
बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS छात्रों के समर्थन में उतरे खाप प्रधान

पढ़ें: Bond Policy In Rohtak: MBBS स्टूडेंट के समर्थन में आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कहा- रद्द होनी चाहिए बांड पॉलिसी

नुक्कड़ नाटकों के जरिए किया जागरुक: बांड पॉलिसी के विरोध में आंदोलन कर रहे एमबीबीएस छात्रों ने गुरुवार को नुक्कड़ नाटकों के जरिए आमजन को जागरूक किया. नुक्कड़ नाटक की शुरुआत पीजीआईएमएस की न्यू ओपीडी से हुई. इसके बाद मेडिकल मोड, डी पार्क व बस स्टैंड पर भी नुक्कड़ नाटक के जरिए पॉलिसी के नुकसान के बारे में बताया गया. उधर, एमबीबीएस छात्रों की ओर से प्रदेश सरकार को दिया गया 72 घंटे का अल्टीमेटम शुक्रवार को खत्म हो रहा है. ऐसे में ये विद्यार्थी आगामी आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं.

बॉन्ड पॉलिसी विरोध की 'टाइम लाइन': पीजीआईएमएस में 1 नवंबर से आंदोलन की शुरूआत हुई. अगले दिन से छात्र धरने पर बैठ गए. 4 नवंबर की देर रात पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया. अगले दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से छात्रों की मुलाकात भी कराई गई लेकिन सीएम ने बांड पॉलिसी वापस लेने से इंकार कर दिया. इस पॉलिसी का विरोध बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने इसमें कुछ संशोधन कर दिया. अब बांड पॉलिसी सिर्फ एमबीबीएस के आखिरी वर्ष के छात्रों के लिए लागू की गई है. लेकिन यह संशोधन भी आंदोलनकारियों को मंजूर नहीं है. एमबीबीएस छात्र सरकार से पॉलिसी को पूर्ण रूप से रद्द करने की मांग पर अड़े हैं.

पढ़ें: रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी, छात्रों ने प्रदेश सरकार को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम

क्या है बॉन्ड पॉलिसी: प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए बांड पॉलिसी लागू की है.इसके तहत छात्र को पढ़ाई पूरी करने के बाद कम से कम 7 वर्ष सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा. ऐसा नहीं करने पर छात्रों को सरकार को बांड के अनुसार 40 लाख रुपए देने होंगे. सरकार वर्ष 2020 में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए बांड पॉलिसी लेकर आई थी. लेकिन इस वर्ष बांड पॉलिसी का विरोध शुरू हो गया. जिसकी शुरुआत 2020 व 2021 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने की. जिसके बाद वरिष्ठ चिकित्सक, विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन व समाजसेवी भी इसके समर्थन में आ गए.

रोहतक: बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस छात्रों का विभिन्न खाप प्रधानों (Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak) ने समर्थन किया है. खाप प्रधान गुरुवार को पीजीआईएमएस में धरनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों का साथ देने का ऐलान किया. वहीं, आंदोलनकारी छात्रों ने शहर में नुक्कड़ नाटक कर आमजन को बॉन्ड पॉलिसी के नुकसान के बारे में बताया. एमबीबीएस छात्रों के आंदोलन को गुरुवार को 17 दिन हो गए. खाप प्रधानों के समर्थन के बाद इस आंदोलन को और मजबूती मिली है.

पीजीआईएमएस में गुरुवार को हुड्डा खाप, नांदल खाप, अहलावत खाप, देशवाल खाप समेत कई अन्य खापों के प्रधान व प्रतिनिधि पहुंचे. इन खाप प्रधानों ने एमबीबीएस छात्रों (Khap pradhaan supported MBBS students) की मांगों को जायज बताया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस आंदोलन में छात्रों के साथ खड़े हैं. खाप प्रधान जरूरत पड़ने पर छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठने को भी तैयार हैं. नांदल खाप के संयोजक महेंद्र सिंह नांदल व 84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत ने कहा कि प्रदेश सरकार जिद पर अड़ी हुई है. जबकि यह बांड पॉलिसी छात्रों के हित में नहीं है. इसलिए सरकार को अपनी जिद छोड़कर छात्रों के हित में बांड पॉलिसी को रद्द करना चाहिए.

Khap pradhaan supported MBBS students in Rohtak
बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS छात्रों के समर्थन में उतरे खाप प्रधान

पढ़ें: Bond Policy In Rohtak: MBBS स्टूडेंट के समर्थन में आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कहा- रद्द होनी चाहिए बांड पॉलिसी

नुक्कड़ नाटकों के जरिए किया जागरुक: बांड पॉलिसी के विरोध में आंदोलन कर रहे एमबीबीएस छात्रों ने गुरुवार को नुक्कड़ नाटकों के जरिए आमजन को जागरूक किया. नुक्कड़ नाटक की शुरुआत पीजीआईएमएस की न्यू ओपीडी से हुई. इसके बाद मेडिकल मोड, डी पार्क व बस स्टैंड पर भी नुक्कड़ नाटक के जरिए पॉलिसी के नुकसान के बारे में बताया गया. उधर, एमबीबीएस छात्रों की ओर से प्रदेश सरकार को दिया गया 72 घंटे का अल्टीमेटम शुक्रवार को खत्म हो रहा है. ऐसे में ये विद्यार्थी आगामी आंदोलन की घोषणा कर सकते हैं.

बॉन्ड पॉलिसी विरोध की 'टाइम लाइन': पीजीआईएमएस में 1 नवंबर से आंदोलन की शुरूआत हुई. अगले दिन से छात्र धरने पर बैठ गए. 4 नवंबर की देर रात पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया. अगले दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से छात्रों की मुलाकात भी कराई गई लेकिन सीएम ने बांड पॉलिसी वापस लेने से इंकार कर दिया. इस पॉलिसी का विरोध बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने इसमें कुछ संशोधन कर दिया. अब बांड पॉलिसी सिर्फ एमबीबीएस के आखिरी वर्ष के छात्रों के लिए लागू की गई है. लेकिन यह संशोधन भी आंदोलनकारियों को मंजूर नहीं है. एमबीबीएस छात्र सरकार से पॉलिसी को पूर्ण रूप से रद्द करने की मांग पर अड़े हैं.

पढ़ें: रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध जारी, छात्रों ने प्रदेश सरकार को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम

क्या है बॉन्ड पॉलिसी: प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए बांड पॉलिसी लागू की है.इसके तहत छात्र को पढ़ाई पूरी करने के बाद कम से कम 7 वर्ष सरकारी अस्पतालों में काम करना होगा. ऐसा नहीं करने पर छात्रों को सरकार को बांड के अनुसार 40 लाख रुपए देने होंगे. सरकार वर्ष 2020 में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए बांड पॉलिसी लेकर आई थी. लेकिन इस वर्ष बांड पॉलिसी का विरोध शुरू हो गया. जिसकी शुरुआत 2020 व 2021 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने की. जिसके बाद वरिष्ठ चिकित्सक, विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन व समाजसेवी भी इसके समर्थन में आ गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.