रोहतक: इजराइल में नौकरी के लिए हरियाणा समेत कई राज्यों के युवक रोहतक पहुंचे. यहां इजरायल की टीम युवाओं की भर्ती कर रही है. गुरुवार को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी परिसर में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. भर्ती प्रक्रिया में हरियाणा में ज्यादातर बाहर के युवा पहुंचे थे खासतौर पर राजस्थान के श्रमिक पहुंच रहे हैं. ऐसे में फिलहाल बाहर के श्रमिकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. दिन के समय में कई बार ऐसी स्थिति पैदा हो गई. जब यूनिवर्सिटी परिसर के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के बाहर ज्यादा भीड़ जमा हो गई और पुलिस को बुलाना पड़ा.
भारत और इजराइल सरकार के बीच कुशल श्रमिकों की भर्ती को लेकर करार हुआ है. भर्ती प्रक्रिया को हरियाणा कौशल रोजगार निगम, भारत सरकार के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग और इजरायल की पॉपुलेशन माइग्रेशन एंड बॉर्डर अथॉरिटी के जरिए चलाया जा रहा है. बता दें कि ये भर्ती प्रक्रिया हरियाणा में 21 जनवरी तक चलेगी. इजराइल के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम की मौजूदगी में स्किल टेस्ट लिया जा रहा है. इजराइल के हमास के साथ जंग के चलते वहां पर कुशल श्रमिकों की भारी कमी हो गई है.
इजराइल में इतना मिलेगा श्रमिकों को वेतन: में इजराइल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए दस हजार श्रमिकों की भर्ती का जिक्र किया गया है. जिसमें फ्रेमवर्क व शटरिंग के 3 हजार श्रमिक, लोहे को मोड़ने वाले 3 हजार श्रमिक, 2 हजार सिरेमिक टाइल के श्रमिक और 2 हजार प्लास्टर के श्रमिक कौशल परीक्षण के बाद इजरायल भेजे जाएंगे. इजराइल में इन कुशल श्रमिकों को हर माह 6100 इजराइली न्यू शेकेल यानी करीब एक लाख 34 हजार भारतीय रुपये मिलेंगे. माह में 26 दिन काम करना होगा. हालांकि भोजन की व्यवस्था खुद करनी होगी.
हरियाणा में अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों पर रोक: इजराइल में कुशल श्रमिकों को हर माह मिलने वाली भारी भरकम राशि बाहर के प्रदेशों के श्रमिकों को भी लुभा रही है. हरियाणा में भवन निर्माण से जुड़े कुशल श्रमिकों की कमी है. ऐसे में राजस्थान के ज्यादातर श्रमिक यहां पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्हें यहां परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके अलावा, पंजाब-यूपी समेत कई राज्यों से युवा स्किल टेस्ट देने हरियाणा पहुंच रहे थे. लेकिन अब अन्य राज्यों के युवाओं को हरियाणा में टेस्ट देने पर रोक लगा दी है.
बेहतर वेतन चाहते हैं श्रमिक: इन श्रमिकों को इस बात को लेकर असमंजस रहा कि इजराइल की भर्ती प्रक्रिया में उनका चयन होगा कि नहीं या फिर हरियाणा को ही प्राथमिकता दी जाएगी. जबकि विज्ञापन में इस बात का कोई जिक्र नहीं था कि हरियाणा से बाहर के श्रमिक आवेदन नहीं कर सकते. राजस्थान के ज्यादातर श्रमिक पहले भी खाड़ी देशों में काम कर चुके हैं और उन्हें वहां काम करने का अनुभव है. लेकिन इजराइल में बेहतर सुविधाएं व आकर्षक वेतनमान के कारण वे भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पहुंचे.
श्रमिकों को जंग से डर नहीं लगता!: राजस्थान से पहुंचे श्रमिकों का कहना है कि रोहतक आए हुए 2 दिन हो गए हैं, लेकिन किसी भी प्रकार से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, वे सुबह से लाइन में बैठे हैं. भारत में आमदनी का बेहतर जरिया नहीं है. इसलिए वो इजराइल जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में श्रमिकों के साथ भेदभाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में नौकरी कम है और जो हैं उसके वेतनमान से अपना गुजारा नहीं हो पाता तो परिवार का कैसे करेंगे. बता दें कि इजराइल में युद्ध चल रहा है. लेकिन फिर भी श्रमिक वहां जाने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि उन्हें जंग से कोई डर नहीं. बेरोजगार रहने से अच्छा है कि कहीं रोजगार मिल जाए.
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