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हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पानी की कीमत 25 फीसदी बढ़ाने का फैसला लेगा वापस, अब इतना होगा इजाफा - हरियाणा में पानी की कीमत

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा पानी की दरें 25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला अब वापस होगा. सरकार के हस्तक्षेप के बाद एचएसवीपी ये निर्णय बदलने की तैयारी में है. हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा था.

Haryana Urban Development Authority
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Published : Jul 28, 2023, 9:57 PM IST

पंचकूला: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा पीने के पानी की दरों में की गई भारी वृद्धि पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से नाराजगी जाहिर करने के बाद अब इस मामले में HSVP फैसला बदलने की तैयारी में है. इस संबंध में ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिख कर बढ़ी दरें वापस करने की मांग की थी. इससे पहले पंचकूला के सेक्टर 17 के हाउस ओनर वेलफेयर फेडरेशन ने विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा था.

ये भी पढ़ें- पानी के बकाया बिल पर सरकार ने दी बड़ी छूट, जुर्माना और ब्याज की राशि का नहीं करना होगा भुगतान

जानकारी के मुताबिक इस मामले में प्रदेश सरकार के दखल के बाद एचएसवीपी ने पेयजल में की गई 25 फीसदी बढ़ोतरी को वापस लेने की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि अब 5 फीसदी बढ़ोत्तरी ही की जायेगी. हालांकि इस संबंध में अभी एचएसवीपी की ओर से दिशा निर्देश जारी होने बाकी हैं. दरअसल एचएसवीपी ने पिछले महीने अचानक 25 फीसदी वृद्धि कर दी थी और इस वृद्धि के साथ ही लोगों को बढ़ी हुई दरों के साथ पानी के बिल भेज दिए थे. जिसकी वजह से लोगों में काफी गुस्सा था.

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की नीति के मुताबिक पानी की दरों में 5 फीसदी की सलाना वृद्धि की जाती है. कोविड महामारी के दौरान लोगों को राहत देने के लिए प्राधिकरण ने पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं की. अब पिछले चार सालों का 20 प्रतिशत एक साथ और इस साल की 5 फीसदी जोड़कर कुल 25 प्रतिशत की दर से पानी के बिल भेजे हैं. इतना ही नहीं इस भारी वृद्धि के साथ बीते सालों का बकाया भी जमा करवाने के नोटिस जारी कर दिए हैं. इससे शहरवासियों में नाराजगी है.

दरअसल इस संबंध में हाउस ओनर वेलफेयर फेडरेशन ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को ज्ञापन सौंप कर बढ़ी दरें वापस करवाने की अपील की थी. फेडरेशन ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के निर्णय पर सवाल उठाए थे. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा था कि कोरोना काल में दी गई राहत की अब वसूली करना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है. इससे शहरवासी अपने को ठगा महसूस करते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि उनकी समस्या का निराकरण किया जाए.

ये भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी राहत, 31 जुलाई तक खेत में बिजाई नहीं हो पाई तो अलग से मुआवजा देगी सरकार

पंचकूला: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा पीने के पानी की दरों में की गई भारी वृद्धि पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से नाराजगी जाहिर करने के बाद अब इस मामले में HSVP फैसला बदलने की तैयारी में है. इस संबंध में ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिख कर बढ़ी दरें वापस करने की मांग की थी. इससे पहले पंचकूला के सेक्टर 17 के हाउस ओनर वेलफेयर फेडरेशन ने विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा था.

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जानकारी के मुताबिक इस मामले में प्रदेश सरकार के दखल के बाद एचएसवीपी ने पेयजल में की गई 25 फीसदी बढ़ोतरी को वापस लेने की तैयारी कर ली है. बताया जा रहा है कि अब 5 फीसदी बढ़ोत्तरी ही की जायेगी. हालांकि इस संबंध में अभी एचएसवीपी की ओर से दिशा निर्देश जारी होने बाकी हैं. दरअसल एचएसवीपी ने पिछले महीने अचानक 25 फीसदी वृद्धि कर दी थी और इस वृद्धि के साथ ही लोगों को बढ़ी हुई दरों के साथ पानी के बिल भेज दिए थे. जिसकी वजह से लोगों में काफी गुस्सा था.

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की नीति के मुताबिक पानी की दरों में 5 फीसदी की सलाना वृद्धि की जाती है. कोविड महामारी के दौरान लोगों को राहत देने के लिए प्राधिकरण ने पानी की दरों में बढ़ोतरी नहीं की. अब पिछले चार सालों का 20 प्रतिशत एक साथ और इस साल की 5 फीसदी जोड़कर कुल 25 प्रतिशत की दर से पानी के बिल भेजे हैं. इतना ही नहीं इस भारी वृद्धि के साथ बीते सालों का बकाया भी जमा करवाने के नोटिस जारी कर दिए हैं. इससे शहरवासियों में नाराजगी है.

दरअसल इस संबंध में हाउस ओनर वेलफेयर फेडरेशन ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को ज्ञापन सौंप कर बढ़ी दरें वापस करवाने की अपील की थी. फेडरेशन ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के निर्णय पर सवाल उठाए थे. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा था कि कोरोना काल में दी गई राहत की अब वसूली करना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है. इससे शहरवासी अपने को ठगा महसूस करते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि उनकी समस्या का निराकरण किया जाए.

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