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रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा - rohtak latest news

आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) ने मंगलवार रोहतक में प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) भी मानसरोवर पार्क में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स से मिलने पहुंचे.

Bhupendra Singh Hooda Meet Aanganwadi workers
Aanganwadi workers Protest in Rohtak
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Published : Feb 1, 2022, 8:49 PM IST

रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल 56वें दिन भी जारी रही. आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) ने मंगलवार को रोहतक में प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. वहीं विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी. इस कड़ी में हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) भी मंगलवार को मानसरोवर पार्क में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स से मिलने पहुंचे.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आठ दिसंबर से प्रदेशभर में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन सरकार खुद की घोषणाओं को भी लागू करने के लिए तैयार नहीं है. आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. राज्य सरकार को आंदोलनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने होंगे और सभी कर्मचारियों की सेवाओं को फिर से बहाल करना होगा. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों को वह विधानसभा के आने वाले सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएंगे, साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर मौजूदा सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों को नहीं मानती तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर इन मांगों को माना जाएगा.

ये भी पढ़ें- रोहतक में आंगनवाड़ी वर्कर्स ने काले कपड़े पहनकर किया प्रदर्शन, ब्लैक डे मनाया

गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम पहुंचे सीएम मनोहर लाल का आंगनवाड़ी वर्कर्स ने की घेराव की कोशिश, पुलिस ने खदेड़ा, एक वर्कर गंभीर

हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनवाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

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रोहतक: आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की हड़ताल 56वें दिन भी जारी रही. आंगनवाड़ी और हेल्पर्स (Aanganwadi workers Protest in Rohtak) ने मंगलवार को रोहतक में प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. वहीं विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी. इस कड़ी में हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) भी मंगलवार को मानसरोवर पार्क में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स से मिलने पहुंचे.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आठ दिसंबर से प्रदेशभर में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन सरकार खुद की घोषणाओं को भी लागू करने के लिए तैयार नहीं है. आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं. राज्य सरकार को आंदोलनकारियों पर दर्ज केस वापस लेने होंगे और सभी कर्मचारियों की सेवाओं को फिर से बहाल करना होगा. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों को वह विधानसभा के आने वाले सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएंगे, साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर मौजूदा सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों को नहीं मानती तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर इन मांगों को माना जाएगा.

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गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए.

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हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनवाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनवाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

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