रोहतक: इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) में ट्रांसपोर्ट ऑफिस में फायरिंग की घटना सामने आई है. घटना पीछे पंजाब जेल में बंद कुख्यात बदमाश मोनू डागर का नाम सामने आया है. आरोप है कि डागर ने ही भाड़े के गुर्गे भेजकर फायरिंग कराई है. इस फायरिंग में यूनियन ऑफिस का मुंशी और ड्राइवर घायल हो गए हैं. दरअसल, डागर ट्रक ट्रांसपोर्ट में अपना हिस्सा चाहता है. रोहतक पुलिस संयुक्त टीम ने गुरुवार शाम को फायरिंग की वारदात में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पुलिस जेल में बंद मोनू डागर का प्रोटक्शन वारंट हासिल करेगी.
गुरुवार को आईएमटी स्थित भाईचारा ट्रक यूनियन के ऑफिस में काम कर रहे मुंशी सुरेश और ट्रक ड्राइवर रामनिवास को गोली मारी गई. इसके बाद हमलावर फरार हो गए थे. हमलावरों की सीसीटीवी कैमरे में फुटेज सामने आई. घायलों को इलाज के लिए पीजीआईएमएस में दाखिल कराया गया. सूचना मिलने पर आईएमटी पुलिस स्टेशन की टीम और सहायक पुलिस अधीक्षक मेधा भूषण मौके पर पहुंची. ट्रक यूनियन बलियाणा गांव निवासी जितेंद्र ने पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया. जितेंद्र के मुताबिक उसके पास पहले किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आई थी.
कॉल करने वाले ने ट्रांसपोर्ट के कारोबार में हिस्सेदारी देने धमकी दी थी. जितेंद्र ने कॉल करने वाले की बातों को गंभीरता से नहीं लिया. जितेंद्र के मुताबिक गुरुवार को दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर चार युवक आए और यूनियन ऑफिस में बैठे कर्मचारियों से प्रधान के बारे में पूछा. इसके बाद युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी. जिससे मुंशी व ड्राइवर घायल हो गए. इन हमलावरों ने खुद को कुख्यात बदमाश मोनू डागर का गुर्गा बताया था.
फिर वे मोटरसाइकिल लेकर आईएमटी चौक की ओर फरार हो गए. एसपी उदय सिंह मीना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी मेधा भूषण की अगुवाई में अपराध जांच शाखा प्रथम व आईएमटी पुलिस स्टेशन की संयुक्त टीम का गठन किया. टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वारदात में शामिल रहे रोहतक के खरावड़ गांव अंकित को गिरफ्तार कर लिया.
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एसपी ने बताया कि वारदात में शामिल सभी हमलावरों की पहचान हो चुकी है, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है. उन्होंने बताया कि वारदात के पीछे जिस कुख्यात बदमाश मोनू डागर का नाम सामने आया है, वह फिलहाल किसी आपराधिक मामले में पंजाब की जेल में बंद है. जल्द ही कोर्ट के जरिए मोनू डागर का प्रोटक्शन वारंट हासिल कर जांच में शामिल किया जाएगा. दरअसल मोनू डागर ट्रक ट्रांसपोर्ट के कारोबार में अपना हिस्सा चाहता है. इसलिए उसने इस वारदात को अपने गुर्गों के जरिए अंजाम दिलवाया है.