रोहतक: मंडी में आजकल धान-बाजरे की फसल की आवक खूब देखी जा सकती है लेकिन हमेशा की तरह किसान इस वर्ष भी परेशानी में है, क्योंकि निजी चावल मिल के मालिक उनकी फसल को ना तो समय पर खरीद रहे हैं और जो खरीद भी रहे हैं तो वह औने पौने दामों में खरीदी जा रही है.
इसको लेकर किसानों ने अधिकारियों पर मिल मालिकों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है. यही हाल बाजरे की फसल का है. दाम तो अच्छे मिल रहे हैं लेकिन अपनी फसल अपना ब्योरा के अंतर्गत फसल का विवरण देने के बाद भी पूरी फसल दर्ज नहीं की गई, नाराज किसानों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
किसानों के साथ धोखा
मंडी में बाजरा बेचने आए अशोक नामक किसान ने बताया कि उसने 2 एकड़ में बाजरा लगाया था और पटवारी को दो एकड़ लिखवाए थे लेकिन अब फसल लेकर आया तो पता चला कि उनकी केवल 1 एकड़ की फसल ही दर्ज की गई है. बिक्री की रोस्टर प्रणाली के अनुसार वह केवल 1 एकड़ की फसल ही मंडी में बेच पाएंगे.
'मनमानी से धान खरीद कर रहे मिल मालिक'
धान बेचने आए किसानों का कहना है कि मंडी में केवल पीआर धान किस्म कि खरीद सरकार द्वारा की जा रही है, जबकि जो उच्च गुणवत्ता की किस्में है उनके खरीदार प्राइवेट मिल मालिक हैं जो अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों के साथ मनमानी पर उतारू हैं, ना ही तो फसल समय पर खरीदी जा रही है और ना ही उन्हें अच्छे दाम दिए जा रहे हैं, जानबूझकर किसान को परेशान किया जा रहा है ताकि किसान दुखी होकर अपनी फसल कम दामों में बेचकर चला जाए.
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मिलीभगत को नकारते अधिकारी
उधर मंडी के अधिकारी दीपक लोचन का कहना है कि उनकी या उनके किसी भी कर्मचारी की किसी कंपनी के साथ कोई मिलीभगत नहीं है बल्कि वह तो आढ़ति, किसान और मिल मालिकों के साथ तालमेल बिठाकर किसानों की ज्यादा से ज्यादा फसल खरीदवाने के लिए प्रयासरत हैं.