रोहतक: पुलिस ने जिले के बोहर गांव में 10 दिन पहले हुए पिता-पुत्री हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. मृतक के भतीजे ने ही पारिवारिक रंजिश के चलते अपने साथी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. हत्याकांड के बाद दोनों आरोपी हरिद्वार व मनाली घूमने चले गए थे. पुलिस आरोपी सुखबीर और अमन को रोहतक में पिता बेटी की हत्या के आरोप में पंचकूला से गिरफ्तार कर रोहतक ले आई है. पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सुखबीर ने अमन के साथ मिलकर हत्याकांड का प्लान बनाया था.
जानकारी के अनुसार 11 जनवरी को बोहर गांव में 47 वर्षीय सुरेंद्र व उसकी 14 वर्षीय बेटी निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन में मृतक के भाई अजीत की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया था. हालांकि शिकायत में मृतक की पत्नी रितू और उसके सालों पर ही हत्या का आरोप लगाया गया था.
रितू पिछले 4 साल से सुरेंद्र के साथ विवाद के बाद अपने मायके सीसर खास गांव रह रही थी, जबकि उसकी बेटी निकिता और बेटा हर्षित बोहर गांव में रह रहे थे. रोहतक पुलिस को जांच के बाद रितू और उसके परिजनों की हत्याकांड में कोई भूमिका नहीं मिली थी. इस दौरान पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिले थे, जिसमें मृतक के रिश्तेदार की भूमिका सामने आई थी. एसपी उदय सिंह मीना ने डीएसपी डॉ. रविंद्र की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया था.
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एसआईटी में अपराध जांच शाखा प्रथम के प्रभारी, अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन रोहतक के प्रभारी और साइबर सेल की टीम को शामिल किया गया. एसआईटी ने इस हत्याकांड में शामिल मृतक सुरेंद्र के भतीजे सुखबीर उर्फ कालू और उसके साथी विजय नगर रोहतक निवासी अमन उर्फ रिंकू को गिरफ्तार कर लिया है. एसपी ने बताया कि सुरेंद्र और उसके भाई सुरेश का बोहर गांव में आमने -सामने घर है.
सुरेंद्र का सुरेश के बेटे सुखबीर उर्फ कालू और परिजनों के साथ कई बार झगड़ा हो चुका था. इसी रंजिश को रखते हुए कालू ने अपने साथी अमन के साथ मिलकर सुरेंद्र और उसकी बेटी निकिता की हत्या कर दी. रोहतक में डबल मर्डर के बाद वे हरिद्वार और मनानी चले गए. पुलिस साइबर सेल की मदद से लगातार उनकी लोकेशन पर नजर रख रही थी. पुलिस जांच में सामने आया है कि अमन उर्फ रिंकू का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है.
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अमन के खिलाफ हत्या के प्रयास के 2 और अवैध हथियार रखने, लड़ाई-झगड़े, मारपीट आदि के कुल 7 केस दर्ज हैं. अमन की मां बोहर गांव की रहने वाली है. इस वजह से वह बोहर गांव में ही रहता था और यहां सुखबीर से उसकी दोस्ती हो गई थी. सुखबीर ने अमन के साथ मिलकर हत्याकांड का प्लान बनाया था. 11 जनवरी की सुबह सुखबीर ने अमन को अपने घर बुला लिया. फिर दोनों हथियार लेकर सुरेंद्र के घर दाखिल हुए और पहले सुरेंद्र और फिर बेटी निकिता को गोली मार दी. गोली मारने के बाद वे मोटरसाइकिल पर फरार हो गए.