रोहतक: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ मीडिया में बयानों तक सीमित रही. आज देश के 23 सबसे प्रदूषित शहरों में 9 शहर हरियाणा प्रदेश में हैं. इसलिए सारे पहलुओं पर राजनीति से ऊपर उठकर प्रयास किए जाने चाहिए. प्रदूषण की समस्या को लेकर प्रदेश सरकार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए.
दीपेंद्र हुड्डा सोमवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में रोहतक पहुंचे थे. बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदूषण को लेकर प्रदेश सरकार को समय सीमा तय करनी चाहिए कि क्या कदम उठाए गए. अगर अगली पीढ़ी को इतना प्रदूषण देकर जाएंगे तो हम अपना कर्त्तव्य सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं.
रेवाड़ी के मनेठी एम्स के मुद्दे पर भी दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की मनेठी एम्स को लेकर नीयत ठीक नहीं है. पिछले लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट का फैसला करवाया गया और अब चुनाव से पहले आधारशिला रखी जा रही है. इसका मतलब ये है कि चुनाव में लाभ लेने की नीयत दिख रही है. एम्स का निर्माण न हो पाने के चलते पूरे प्रदेश के लोगों को नुकसान हो रहा है.
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अहंकारी तक बता दिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी, महंगाई और नशे में नंबर वन होकर विकास की पटरी से उतर चुका है. साथ ही सत्तारूढ़ लोगों के अहंकार में भी नंबर वन बन गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बयान देखें तो लगता है कि उनमें अहंकार भरा हुआ है. अहंकार प्रजातंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर जातीय जनगणना की वकालत की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर स्टैंड है कि जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए और जिसकी जितनी जनसंख्या है, उसको उस आधार पर प्रतनिधित्व मिलना चाहिए. उन्होंने बीसी ए वर्ग को विधानसभा और लोकसभा सीटों में आरक्षण दिए जाने की मांग की.
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