रोहतक: SYL पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 3 सितंबर को होनी है. सीएम मनोहर लाल को पूरी उम्मीद है कि इस पर SYL पर कोई ना कोई निर्णय जरूर निकलकर सामने आएगा.
'जल्द आएगा कोई ना कोई निर्णय'
सीएम मनोहर लाल रोहतक में व्यापारियों की समस्याओं को सुनने पहुंचे थे. सीएम ने इस दौरान व्यापारियों को उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. जब सीएम ने SYL पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 3 सितंबर को होनी है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार जरूर कोई ना कोई निर्णय जरूर निकलकर आएगा.
'विधानसभा चुनाव के लिए तैयार BJP'
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. बीजेपी 15 अगस्त के बाद जन आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जा रही है. जिसकी कमान वो खुद संभालने वाले हैं.
3 सितंबर को होनी है 'सुप्रीम' सुनवाई
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को मीटिंग करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि तीनों पक्ष एक बार कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर मीटिंग करें. अगर तीनों की मीटिंग से कोई नतीजा नहीं निकलता तो फिर कोर्ट अपना आदेश लागू कराएगी. सुप्रीम कोर्ट 3 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
जानिए कब क्या हुआ ?
- 1976 : केंद्र सरकार ने SYL की अधिसूचना जारी करते हुए हरियाणा के लिए 3.5 एमएएफ (मीट्रिक एकड़ फीट) पानी तय किया
- 1981 : हरियाणा में SYL का पूरा हुआ, लेकिन पंजाब ने काम शुरू नहीं किया.
- 1982 : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पटियाला के कपूरी गांव में नहर की नींव रखी.
- 1985 : पंजाब और हरियाणा के बीच राजीव-लौंगोवाल समझौता हुआ
- 1985 : पंजाब विधानसभा में जल समझौते के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया
- 1987 : राष्ट्रीय जल प्राधिकरण ने पंजाब को उसके हिस्से में नहर निर्माण तुरंत पूरा करने का आदेश दिया
- 1996 : समझौता नहीं होने पर हरियाणा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
- 2002 : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को एक साल में SYL बनाने का निर्देश दिया
- 2004 : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब की याचिका खारिज हुई
- 2004 : पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने विधानसभा में 'पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट्स एक्ट 2004' लागू किया. संघीय ढांचा खतरे में देख राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से रेफरेंस मांगा। 12 साल मामला ठंडे बस्ते में रहा
- 2016 : पंजाब विधानसभा में सतलुज-यमुना लिंक कैनाल (मालिकाना हकों का स्थानांतरण) विधेयक पास कर नहर के लिए अधिगृहीत 3,928 एकड़ जमीन वापस किसानों को वापस कर दी गई. पंजाब ने हरियाणा सरकार का 191 करोड़ रुपये का चेक लौटा दिया जिसके बाद स्थानीय किसानों ने नहर को पाट दिया
- 2015 : मनोहर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति के रेफरेंस पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ गठित करने का अनुरोध किया.
- 2016 : सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने के लिए कहा
- 2019: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकार को बातचीत करने को कहा. ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने खुद कोई निर्णय लेने की बात कही. अब इस मामले पर सुनवाई 3 सितंबर को होनी है.