रोहतकः हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री अंत्योदय योजना मेले (CM Antyodaya Yojana mela in Haryana) का पंचायती राज अधिकारियों ने बहिष्कार किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की अहम भूमिका संघ के पदाधिकारियों की होती है. संघ के अधिकारियों ने कहा कि सरकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी होती है, लेकिन उनकी ही मांगों की अनदेखी की जा रही है.
पंचायती राज प्रशासनिक सेवा संघ हरियाणा (Panchayati Raj Administrative Service Association Haryana) ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत लगने वाले मेलों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने शनिवार को रोहतक में प्रेस वार्ता कर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि हरियाणा प्रदेश की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गांवों में निवास करती है जिन्हें विभिन्न सेवाएं देने के लिए पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से खंड स्तर पर खंड विकास व पंचायत अधिकारी, समाज शिक्षा एवं पंचायती अधिकारी और ग्राम स्तर पर ग्राम सचिव अहम भूमिका अदा करते हैं. इनके बिना योजनाओं का सफल क्रियान्वयन संभव नहीं है.
रोहतक के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (Block Development Panchayat Officer in Rohtak) राजपाल चहल ने कहा कि काफी समय से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है. बढ़ती लापरवाही और अनदेखी के कारण निर्णय लिया गया है कि तीसरे चरण में लगने वाले परिवार उत्थान मेलों में वे किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत विकास खंड, नगरपालिका, नगर निगम स्तर पर अंत्योदय मेले आयोजित किये जा रहे हैं.
पंचायत राज संघ की मांग है कि पंचायत परिवार कुछ पिछले ससमय से उपेक्षित सा महसूस कर रहा है. संविधान द्वारा प्रदत्त किए गए पद की जो शक्तियां थीं, जो गरिमा थी उसको ठेस लगी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से निवेदन करते हैं कि हमारी इस निवेदन को स्वीकार करें और एक उचित मंच देने का कष्ट करें. इन मेलों का उद्देश्य एक लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाले गरीब परिवारों को विभिन्न योजनाओं का मौके पर लाभ देकर उनकी आमदनी को बढ़ाना है. इस बार मेलों में एक नया प्रावधान किया गया है, जिसमें आवेदक को दोबारा पंजीकरण काउंटर पर अपना आवेदन जमा करवाना होगा. इससे यह फायदा होगा कि समय पर ही आवेदक को लाभ के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी हासिल हो पाएगी.