रोहतक: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder hooda) की सरकार के दौरान रोहतक में आवंटित (Rohtak land allotment case) जमीन के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को जांच का आदेश दिए हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में रोहतक में रियल स्टेट बिल्डर उदार गगन प्रॉपर्टीज (Udar Gagan Properties) लिमिटेड को जमीन आवंटित की गई थी.
इस जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया इनेलो सरकार में शुरू हुई थी. हुड्डा सरकार के समय बिल्डर कंपनी को लाइसेंस मिला था. अब एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) जमीन को वापस लेकर अपने स्तर पर डेवलप कर रहा है. मामले में आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने पहले किसानों से सस्ते रेट में जमीनें खरीदी और बाद में उसे बिल्डरों को बेच दी गई. जिससे जमीन की कीमतें तेजी से वृद्धि हुई. 2016 में अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जांच के आदेश दिए थे.
रोहतक के दिल्ली राजमार्ग पर पहरावर गांव की जमीन है. जो विकसित नहीं हो पाई है. जिस कंपनी को यहां कॉलोनी विकसित करने के लिए लाइसेंस मिला था वो सनसिटी से जुड़ी थी. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा अब एचएसवीपी) की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 11 अप्रैल 2002 को रोहतक में सेक्टर-27, 28 पर 850.88 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव था.
बाद में हुडा ने 8 अप्रैल 2003 को 444.11 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया, लेकिन 6 अप्रैल 2005 को 422.44 एकड़ भूमि के लिए अवॉर्ड घोषित किया गया. खबर है कि इस बीच उदार गगन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने सांठगांठ कर कुछ भूमि मालिकों के साथ एग्रीमेंट कर लिया. 21 मार्च 2006 को उदार गगन प्रॉपर्टीज ने हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डायरेक्टर के पास लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया.
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12 जून 2006 को उदार गगन प्रॉपर्टीज को 280 एकड़ भूमि पर कॉलोनी विकसित करने के लिए लाइसेंस मिल गया. 7 अक्टूबर से 15 मई 2014 तक उदार गगन प्रॉपर्टीज कंपनी के निदेशक बीजेपी नेता सुभाष चंद्रा के भाई लक्ष्मी नारायण गोयल रहे थे. मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जाने के 5 महीने बाद लक्ष्मी नारायण ने कंपनी छोड़ दी. बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर के पक्ष में जारी सभी सेल डीड और एग्रीमेंट रद्द कर दिए थे. अब सीबीआई जांच के भी आदेश दिए हैं. मार्च 2018 में बीजेपी सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.