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रोहतक में होगा अब कैंसर ट्यूमर का इलाज, शरीर के नॉर्मल टिश्यू रहेंगे सुरक्षित - haryana news in hindi

प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस में मरीज के कैंसर प्रभावित अंग (कैंसर ट्यूमर) का ही इलाज किया जाएगा. शरीर के दूसरे और सामान्य टिश्यू सुरक्षित रहेंगे मरीजों को रेडिएशन के साइड इफेक्ट से बचाने के लिए यहां मंगाई जा रही है.

रोहतक
रोहतक में होगा अब कैंसर ट्यूमर का इलाज
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Published : Feb 20, 2020, 11:08 AM IST

Updated : Feb 20, 2020, 11:19 AM IST

रोहतक: कैंसर पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर है. जिले के पीजीआई में अब कैंसर ट्यूमर का इलाज होगा. अच्छी बात ये है कि शरीर के नॉर्मल टिश्यू सुरक्षित रहेंगें. प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस में मरीज के कैंसर प्रभावित अंग (कैंसर ट्यूमर) का ही इलाज किया जाएगा. शरीर के दूसरे और सामान्य टिश्यू सुरक्षित रहेंगे मरीजों को रेडिएशन के साइड इफेक्ट से बचाने के लिए यहां मंगाई जा रही है.

लीनीयर एक्सीलरेटर मशीन का रास्ता साफ हो गया है. संस्थान ने मशीन सप्लाई देने वाली कंपनी को ही इसका भवन बनाने का जिम्मा सौंप दिया है. इस 25 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए कंपनी को 18 महीने का समय दिया गया है. ऐसे में करीब डेढ़ साल बाद कैंसर मरीजों को नई तकनीक से राहत मिलने का इंतजार करना होगा.

रोहतक में होगा अब कैंसर ट्यूमर का इलाज, देखें वीडियो

20 करोड़ रुपये की लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीदी

पीजीआईएमएस ने कैंसर मरीजों की सुविधा को देखते हुए करीब 20 करोड़ रुपये की लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीदी है. इसके कैंसर विभाग के साथ ही अलग भवन बनाया जाएगा. यहीं इसे स्थापित किया जाएगा. भवन का एक हिस्सा बेसमेंट यानी जमीन में होगा.

इस पूरे प्रोजेक्ट पर 25 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. फिलहाल संस्थान ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कंपनी को ही मशीन के लिए भवन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप दी है. यह सारा काम 18 महीने में करना होगा. इससे आने वाले डेढ़ साल में कैंसर मरीजों को नई तकनीक का लाभ मिल सकेगा.

ये भी पढ़ें- जाली टिकटों के साथ पकड़ा गया सिरसा डिपो का कंडक्टर जांच में पाया गया दोषी

रोहतक: कैंसर पीड़ितों के लिए राहत भरी खबर है. जिले के पीजीआई में अब कैंसर ट्यूमर का इलाज होगा. अच्छी बात ये है कि शरीर के नॉर्मल टिश्यू सुरक्षित रहेंगें. प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पीजीआईएमएस में मरीज के कैंसर प्रभावित अंग (कैंसर ट्यूमर) का ही इलाज किया जाएगा. शरीर के दूसरे और सामान्य टिश्यू सुरक्षित रहेंगे मरीजों को रेडिएशन के साइड इफेक्ट से बचाने के लिए यहां मंगाई जा रही है.

लीनीयर एक्सीलरेटर मशीन का रास्ता साफ हो गया है. संस्थान ने मशीन सप्लाई देने वाली कंपनी को ही इसका भवन बनाने का जिम्मा सौंप दिया है. इस 25 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के लिए कंपनी को 18 महीने का समय दिया गया है. ऐसे में करीब डेढ़ साल बाद कैंसर मरीजों को नई तकनीक से राहत मिलने का इंतजार करना होगा.

रोहतक में होगा अब कैंसर ट्यूमर का इलाज, देखें वीडियो

20 करोड़ रुपये की लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीदी

पीजीआईएमएस ने कैंसर मरीजों की सुविधा को देखते हुए करीब 20 करोड़ रुपये की लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीदी है. इसके कैंसर विभाग के साथ ही अलग भवन बनाया जाएगा. यहीं इसे स्थापित किया जाएगा. भवन का एक हिस्सा बेसमेंट यानी जमीन में होगा.

इस पूरे प्रोजेक्ट पर 25 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. फिलहाल संस्थान ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कंपनी को ही मशीन के लिए भवन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप दी है. यह सारा काम 18 महीने में करना होगा. इससे आने वाले डेढ़ साल में कैंसर मरीजों को नई तकनीक का लाभ मिल सकेगा.

ये भी पढ़ें- जाली टिकटों के साथ पकड़ा गया सिरसा डिपो का कंडक्टर जांच में पाया गया दोषी

Last Updated : Feb 20, 2020, 11:19 AM IST
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