रोहतकः विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का परचम लहरा कर लौटे अमित पंघाल का उनके गांव मायना में जोरदार स्वागत किया गया. हालांकि अमित गोल्ड न मिलने से कुछ मायूस है, लेकिन अपने इस सपने को वे ओलंपिक में पूरा करके दिखाएंगे. वहीं कोच का कहना है कि उनका काम देश के लिए पदक जीतना है और ओलंपिक से पहले विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप एक पड़ाव था, जिससे कुछ सीखने को मिला है.
खिलाड़ी का जोरदार स्वागत
रूस में हुई विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अमित पंघाल का मुकाबला उज्बेकिस्तान के शाखोविदीन से हुआ. जिसमें अमित पंघाल 5-0 से हार गए और उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा. लेकिन खिलाड़ी को आज भी उस चीज का मलाल है कि वो देश के लिए गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाए. बुधवार को अमित रोहतक जिले में अपने मायना गांव में वापिस लौटे जहां ग्रामीणों ने खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया.
टोक्यो ओलंपिक में पूरा करेंगे सपना
अमित ने कहा कि वे काफी खुश हैं कि सिल्वर मेडल मिला है, लेकिन इस बात का मलाल जरूर है कि वे गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाए. खिलाड़ी ने अपने गोल्ड मेडल के सपने को टोक्यो ओलंपिक में पूरा करने की बात कही है. अमित ने कहा की फाइनल बाउट में उन्हें अपने पंच की पावर में कुछ कमी लगी, जिसे वो दुरुस्त करेंगे और अभी से अपनी तैयारी शुरू कर देंगे. उनका लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है.
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'टोक्यो की तैयारी शुरू'
अमित के कोच अनिल धनखड़ का कहना है कि वे विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप को ओलंपिक तक पहुंचने का एक पड़ाव मानते हैं और इस चैंपियनशिप में जो भी कमियां रही हैं, उसको अमित पूरा करेगा. उन्होंने कहा आज से ही अमित का मिशन ओलंपिक शुरू हो गया है, उनका लक्ष्य देश के लिए बड़े से बड़े मेडल लाना और इतिहास रचना है.
पिता ने बताया हार का कारण
वहीं बॉक्सर अमित के पिता विजेंदर का कहना है कि उम्मीद तो काफी थी, लेकिन गोल्ड मेडल ना मिलने से मायूसी जरूर हुई. फिर भी वे काफी खुश हैं और आगे गोल्ड मेडल की उम्मीद के साथ अमित मेहनत करेगा. उन्होंने कहा की वजन में बदलाव होना इस हार का एक कारण मानते हैं.
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