रोहतक: भाजपा सांसद डा. अरविंद शर्मा ने रोहतक के पहरावर गांव में स्थित गौड़ शिक्षण संस्था (gaur brahmin educational institution rohtak) की जमीन को लेकर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर कटाक्ष किया है. उन्होंने पहरावर जमीन संबंधी सवाल पर कहा कि मनीष ग्रोवर का अड़ंगा बंद नहीं हो सकता लेकिन अब मामला उनसे ऊपर जा चुका है. सीएम मनोहर लाल खुद इस मामले को देख रहे हैं. हाईकमान से बैठक में भी जमीन देने पर मंजूरी मिल चुकी है.
सांसद शनिवार को रोहतक के कैनाल रेस्ट हाउस (Canal Rest House Rohtak) में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. दरअसल गौड़ संस्था की जमीन के मुद्दे पर शर्मा सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. खास तौर पर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को उन्होंने निशाने पर लिया था. यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी नहीं बख्शा था. 26 मई को हुई रोहतक के मैना पर्यटन केंद्र (Maina Tourist Center in Rohtak) पर हुई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने एक तरह से मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर दी थी.
इससे पहले पहरावर में हुए एक समारोह में उन्होंने खुलकर चेतावनी तक दे डाली थी. अब शनिवार को उन्होंने कहा कि सरकार अधिक से अधिक समय के लिए जमीन लीज पर देने का प्रयास कर रही है इसलिए समय लगेगा. सांसद ने कहा कि हाईकमान से हुई बैठक में तय हुआ था कि कमेटी बनाकर जमीन दिलाई जाएगी. वह जमीन संस्था की है और संस्था की रहेगी. अब सरकार लीज को बढ़ाने का काम करने पर फोकस कर रही है. अब तकनीकी स्तर पर जो दिक्कत हैं उन्हें ठीक किया जाएगा.
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 10 साल तक सरकार में थे और सीएम होते हुए भी रोहतक की दशा नहीं सुधार (Arvind Sharma Statement On Bhupinder Singh Hooda) पाए. अगर वे व्यवस्था बेहतर करते तो यह स्थिति आनी भी नहीं चाहिए थी. अब उन्हें सवाल नहीं उठाना चाहिए. नगर निकाय चुनाव में बीजेपी के वोट फीसद कम होने पर सांसद बोले कि इस पर भाजपा को गहराई से मंथन करने की जरूरत है. मैं भी भाजपा का सदस्य हूं इसलिए सभी का उद्देश्य है कि वे इस पर मंथन करते हुए जल्द से जल्द वोट फीसद को बढ़ाने पर काम करना चाहिए.
सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि सरकारी कामों में पारदर्शिता के लेकर वे सरकार से मांग करेंगे ताकि सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो भी काम हो रहे हैं और उस पर कितनी जमीन लग रही है, इसकी जानकारी आमजनता को मिले. इसके लिए डीसी आफिस व नगर निगम में बोर्ड पर यह जानकारी दर्शाई जाए ताकि आमजन यह सुनिश्चित कर सके कि जो पैसा आया है वह ठीक से लगा है या नहीं.