रोहतक: एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद खिलाड़ी हरियाणा में लौटने लगे हैं. वे अपने शहरों में पहुंच रहे हैं. जहां उनका भव्य स्वागत हो रहा है. हरियाणा के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में बड़ी संख्या में पदक हासिल किए हैं. शूटिंग में तो खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया है. खिलाड़ियों के पक्ष में बने माहौल को राजनीतिक पार्टियों ने अपने पक्ष में भुनाना भी शुरू कर दिया है. इसी वजह से नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. इसी क्रम में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र हुड्डा ने सोमवार को बयान दिया कि एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा में डीएसपी की पोस्ट पर भर्ती किया जाना चाहिए. खिलाड़ियों को पिछले 9 साल से सरकारी नौकरी नहीं मिली है.
सरकार की खेल नीति पर सवाल उठाए : भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मौजूदा सरकार की खेल नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि एशियन गेम्स में हरियाणा के खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं इसलिए उन्हें पदक लाओ, पद पाओ की नीति के तहत डीएसपी पद पर भर्ती किया जाना चाहिए. गोल्ड मेडल के लिए कम से कम पांच करोड रुपए पुरस्कार दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हरियाणा में अगले साल चुनाव हैं. चुनाव के बाद अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे पुरानी खेल नीति लागू करेंगे.
'पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में आएगी कांग्रेस': वहीं पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा होने के बाद हुड्डा ने कहा कि तीन प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनना तय है. एक राज्य में कांग्रेस सीधे मुकाबले में खड़ी है. इन चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन रहेगा. हरियाणा में भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की एक तरफा जीत है जबकि दो राज्यों में अन्य पार्टियों के साथ कांग्रेस का कड़ा मुकाबला है.
एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब सरकार को घेरा:एसवाईएल के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुस्से में भी नजर आए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पंजाब में गैर जिम्मेदाराना सरकार है. पंजाब के मुख्यमंत्री बातचीत करने की बात कह रहे हैं जबकि उनको सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने साफ किया कि हरियाणा सरकार इस मामले में फैसला ले. कांग्रेस पार्टी समेत वे सरकार के साथ खड़ें है.एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब सरकार की स्थिति संघीय ढांचे को तोड़ने वाली है.