रोहतक: राष्ट्रमंडल खेल 2022 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश के लिए कई (bhupinder hooda on sports policy of haryana) पदक जीते हैं. खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर राजनीति भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल पदक जीतने के लिए अपनी सरकार की खेल नीति की सरहाना कर रहे हैं तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सरकार के वक्त बनाई गई पदक लाओ, पद पाओ नीति की प्रशंसा कर रहे हैं.
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2005 में उनकी सरकार आने के बाद खेल नीति बनाई गई थी. जिसके बाद प्रदेश के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के लिए पदक जीतने लगे थे. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश के खिलाड़ियों ने 38 स्वर्ण (Commonwealth Games 2022) पदक जीते थे. जिसमें से 22 हरियाणा के खिलाड़ियों के थे. कांग्रेस सरकार ने खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 700 से अधिक खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी अपने कार्यकाल में दी.
इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकार की खेल नीति के अनुसार पुलिस में डीएसपी की नौकरी भी दी जाती थी. लेकिन मनोहर सरकार ने आते ही खेल नीति को बदल दिया और खिलाड़ियों को डीएसपी की नौकरी देने के नियम को हटा दिया. पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार में स्कूलों में खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए (Haryana players performance in Commonwealth Games) स्पैट योजना शुरू की थी जिसके चलते प्रदेश में बच्चों को रूझान खेलों की तरफ पैदा हुआ. लेकिन भाजपा सरकार में खिलाड़ी और खेल के मैदान सब रामभरोसे हैं. सरकार खेल स्टेडियम का रख रखाव भी नहीं कर पा रही है.