रोहतक: जिला पुलिस ने 24 साल पहले पकड़ी गई 50 हजार लीटर के करीब देसी और अंग्रेजी अवैध शराब को नष्ट किया है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है. इस मामले में करीब 600 मुकदमें दर्ज कराए जा चुके थे और 24 साल से पुलिस इस शराब की पहेरीदारी कर रही थी.
24 साल पहले बंसीलाल की सरकार में पकड़ी गई थी शराब
दरअसल, ये उस समय की बात है जब हरियाणा में बंसीलाल की सरकार थी. 1996 से 1998 में पुलिस ने रोहतक में शराब बंदी के दौरान अवैध शराब पकड़ी थी. तब इसे रखवा दिया गया था. पुलिस के आठ जवान बंसीलाल सरकार के कार्यकाल में 390 केस में पकड़ी और इंदिरा कॉलोनी पुलिस चौकी के सामने रेडक्रास भवन में रखी शराब की रखवाली कर रहे थे.
विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ खुलासा
विधानसभा चुनाव में मामला पकड़ में आने के बाद डीएसपी मुख्यालय ने 45 दिन में पूरे मामले की जांच की. पता चला कि पकड़ी गई शराब के केसों का निपटारा 1998 में ही हो गया था. अब सवाल उठता है कि केस खत्म होने के बावजूद दो दशक से ज्यादा समय तक इतने पुलिस के जवान कागजों में ही रखवाली कर रहे थे या हकीकत में.
24 साल बाद अवैध शराब को नष्ट किया गया
पुलिस प्रशासन की अर्जी पर डीसी आरएस वर्मा ने एसडीएम राकेश कुमार को रेडक्रॉस भवन के कमरे में रखी शराब को नष्ट करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया. जबकि डीएसपी मुख्यालय गोरखपाल राणा पुलिस की तरफ मौजूद रहें.
8 पुलिसकर्मियों को शराब की सुरक्षा के लिए किया था तैनात
पुलिस सूत्रों के अनुसार अक्तूबर 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिसकर्मी की कमी महसूस हुई. जिसके बाद एसपी ने सभी पुलिस कर्मियों का ब्योरा मांगा. कौन कहां तैनात है. तब पता चला कि इंदिरा कॉलोनी पुलिस चौकी के सामने रेडक्रॉस भवन है. जहां पर रेडक्रॉस भवन में पूर्व सीएम बंसीलाल के समय में पकड़ी गई शराब रखी जाती थी. वहां पर आठ पुलिसकर्मी शराब की सुरक्षा के लिए तैनात हैं.
डीएसपी ने 45 दिन तक मामले की जांच की
एसपी ने चुनाव के बाद डीएसपी मुख्यालय गोरखपाल राणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम ने मामले की जांच पड़ताल की. साथ ही आठ की जगह मात्र तीन पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई. डीएसपी ने 45 दिन तक मामले की जांच पड़ताल की. जांच में पता चला है कि पुलिस ने 390 केसों में पकड़ी शराब के मामलों का निस्तारण 1998 में कर दिया था.
शराबबंदी के दौरान पकड़ी गई थी शराब
ये वो शराब थी जो बंसीलाल सरकार में शराब बंदी के दौरान पकड़ी गई थी. पूरे जिले के थानों से जो शराब पकड़ी जाती थी उसे रेडक्रॉस भवन के एक हॉल में रखा जाता था. उसकी रखवाली के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती थी.
कोर्ट के आदेश के बाद नष्ट की गई शराब
डीएसपी हेड क्वार्टर ने उपायुक्त को पत्र लिख कर उसे नष्ट करने के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात करने की मांग की. जिस पर उपायुक्त आरएस वर्मा की ओर से एसडीएम राकेश कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया.
पुलिसकर्मियों को हुई काफी परेशानी
प्रदेश सरकार की ओर से जिस थाना क्षेत्र में ये शराब पकड़ी गई है. उस थाना क्षेत्र में अब दो से तीन थाने बन गए हैं. गठित कमेटी को पुराने मुकदमे को तलाशने में परेशानी आई. पुलिस कर्मियों को लगातार अपने मुकदमे में शराब नष्ट करने के लिए अदालत का चक्कर लगाना पड़ा.
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जिस शराब को 22 साल पहले नष्ट हो जाना चाहिए था. उसे देखने वाला कोई नहीं. कागजों में पुलिस कर्मी की तैनाती रही. धरातल पर कौन आ रहा है कौन जा रहा है इसका कोई ब्योरा नहीं मिला. पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने मौके का दौरा किया तो तीन पुलिस कर्मी ड्यूटी पर मिले. जिनकी वहां पर तैनाती थी.