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खराब राशन से परेशान ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन, डिपो होल्डर पर दुर्व्यवहार का आरोप

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Published : Jan 27, 2020, 11:40 PM IST

ग्रामीणों ने बताया कि डिपो से मिलने वाले गेहूं से बनी रोटियां काली और बदबूदार बनती हैं, जिन्हें खाकर हम और हमारे बच्चे कई दफा बीमार भी हो जाते हैं, लेकिन गरीबी के चलते उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है.

Villagers are getting poor ration at Mohalla Mukti Wada depot of Rewari
Villagers are getting poor ration at Mohalla Mukti Wada depot of Rewari

रेवाड़ी: मोहल्ला मुक्ति वाड़ा के सरकारी डिपो में करीब 10 महीनों से खराब राशन आ रहा है. गेहूं तो इतना गंदा है कि ये जानवरों के खाने लायक भी नहीं. डिपो धारक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि वो उन्हें गाली देता है और कहता है कि जहां जाना है जाओ तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते.

खराब खाने से बीमार हो रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि डिपो से मिलने वाले गेहूं से बनी रोटियां काली और बदबूदार बनती हैं, जिन्हें खाकर हम और हमारे बच्चे कई दफा बीमार भी हो जाते हैं, लेकिन गरीबी के चलते उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है.

खराब राशन से परेशान ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

जानें पार्षद ने क्या कहा ?
वार्ड पार्षद सुचित्रा चांदना भी शिकायत के बाद मौके पर पहुंची और कहा कि उसने भी अपने स्तर पर कई दफा प्रयास किया, लेकिन डिपो धारक कैलाश बार-बार कोई बहाना बना देता. गुस्साए ग्रामीणों ने उपायुक्त से मुलाकात की और सारी समस्या बताई. उपायुक्त के आदेश पर एसडीएम और तहसीलदार ने मौके का मुआयना किया तो डिपो होल्डर फरार मिला.

ये भी पढ़ें- भिवानी साइबर सेल को मिले गुम 20 मोबाइल, DSP ने लोगों को दी कोताही न बरतने की सलाह

एसडीएम ने डिपो पर ताला लटका दिया
फिलहाल तो एसडीएम ने डिपो पर ताला लटका दिया है और डिपो होल्डर की तलाश जारी है. इसके साथ नोटिस एसडीएम ने नोटिस भी चिपका दिया है. जिसपर लिखा है कि बिना जांच के डिपो को खोला नहीं जाएगा.

रेवाड़ी: मोहल्ला मुक्ति वाड़ा के सरकारी डिपो में करीब 10 महीनों से खराब राशन आ रहा है. गेहूं तो इतना गंदा है कि ये जानवरों के खाने लायक भी नहीं. डिपो धारक पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि वो उन्हें गाली देता है और कहता है कि जहां जाना है जाओ तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते.

खराब खाने से बीमार हो रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि डिपो से मिलने वाले गेहूं से बनी रोटियां काली और बदबूदार बनती हैं, जिन्हें खाकर हम और हमारे बच्चे कई दफा बीमार भी हो जाते हैं, लेकिन गरीबी के चलते उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है.

खराब राशन से परेशान ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन

जानें पार्षद ने क्या कहा ?
वार्ड पार्षद सुचित्रा चांदना भी शिकायत के बाद मौके पर पहुंची और कहा कि उसने भी अपने स्तर पर कई दफा प्रयास किया, लेकिन डिपो धारक कैलाश बार-बार कोई बहाना बना देता. गुस्साए ग्रामीणों ने उपायुक्त से मुलाकात की और सारी समस्या बताई. उपायुक्त के आदेश पर एसडीएम और तहसीलदार ने मौके का मुआयना किया तो डिपो होल्डर फरार मिला.

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एसडीएम ने डिपो पर ताला लटका दिया
फिलहाल तो एसडीएम ने डिपो पर ताला लटका दिया है और डिपो होल्डर की तलाश जारी है. इसके साथ नोटिस एसडीएम ने नोटिस भी चिपका दिया है. जिसपर लिखा है कि बिना जांच के डिपो को खोला नहीं जाएगा.

Intro:रेवाड़ी 27 जनवरी
बीपीएल कार्ड धारकों को राशन में मिलने वाला गेहूं अब इतना खराब आने लगा है की लोग उसे खाकर बीमार पड़ने लगे हैं।


Body:रेवाड़ी के मोहल्ला मुक्ति वाड़ा स्थित सरकारी राशन के डिपो में पिछले आठ 10 महीनों से गेहूं इतना खराब आ रहा है कि उसे खा कर बीपीएल परिवार के लोग अब बीमार पड़ने लगे हैं।
डिपो धारक से जब खराब गेहूं आने पर पूछा जाता है तो वह कार्ड धारकों को धमकाते हुए कहता है कि लेना है तो लो वरना कहीं भी जाओ जहां जाना चाहो मेरा तुम कुछ नहीं बिगाड़ सकते। पिछले कई महीनों से इस पीड़ा को सहन कर रहे कार्ड धारकों के सब्र का बांध आज टूट पड़ा जब राशन के गेहूं में कीड़े मिले। कार्ड धारक सब इकट्ठा होकर जिला सचिवालय उपायुक्त से मिलने पहुंच गए। उपायुक्त ने तुरंत प्रभाव से डिपो का निरीक्षण करने के आदेश एसडीएम व तहसीलदार को दिए।
जब एसडीएम की टीम मौके पर पहुंची तो वहां से डिपो धारक डिपो को बंद कर नौ दो ग्यारह हो चुका था। काफी समय खड़े होकर जांच टीम ने वहां डिपो वाले को बुलाने का प्रयास किया लेकिन डिपो धारक मौके पर नहीं पहुंचा। मोहल्ला वासियों को भड़कता देख एसडीएम ने डिपो को ताला लगाने के आदेश दिए तो तहसीलदार ने तुरंत प्रभाव से डिपो पर ताला लगा दिया साथ ही डिपो पर एक नोटिस भी चस्पा दिया कि आपका डिपो पर लॉक लगा दिया गया है बगैर जांच टीम के इसे ना खोलें।
गरीब परिवार की महिलाओं का कहना है कि वह सब काम काज करने वाली महिलाएं हैं। और डिपो महीने में सिर्फ 2 दिन ही खोला जाता है। इसलिए उन्हें अपने काम से छुट्टी करनी पड़ती है उसके बावजूद जो राशन डिपो पर मिलता है उसकी क्वालिटी इतनी खराब है कि उसे इंसान तो क्या जानवर भी हजम ना कर पाए। डिपो से मिलने वाले गेहूं से बनी रोटियां काली और बदबूदार बनती है जिन्हें खाकर हम और हमारे बच्चे कई दफा बीमार भी पड़ जाते हैं। लेकिन गरीबी के चलते उनके पास कोई दूसरा उपाय नहीं है। शिकायत करने पर कोई समाधान नहीं किया जाता। आज हम उपायुक्त महोदय से मिले उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा कि हमें यह जांच टीम साफ और अच्छा गेहूं दिला पाएगी या फिर हमें मजबूरी में यह सड़ा गला गेहूं खाकर ही गुजारा करना पड़ेगा। वार्ड पार्षद सुचित्रा चांदना भी शिकायत के बाद मौके पर पहुंची और वार्ड वासियों के साथ सुर में सुर मिला कर बोली उसने भी अपने स्तर पर कई दफा प्रयास किया लेकिन डिपो धारक कैलाश उन्हें बार-बार कोई बहाना बनाकर टरका देता है।
मौके पर पहुंचे एसडीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि डिपो चालक मौके पर नहीं है उसके आने के बाद ही डिपो खोला जाएगा और गेहूं की जांच की जाएगी अगर गेहूं अच्छी क्वालिटी का नहीं मिला तो डिपो निलंबित किया जाएगा इसलिए डिपो पर ताला लगाकर एक नोटिस भी चस्पा दिया गया है।
बाइट--1 से 4 सभी बीपीएल कार्ड धारक।
बाइट--सुचित्रा चांदना, वार्ड पार्षद।
बाइट--रविन्द्र कुमार, एसडीएम रेवाड़ी।


Conclusion:अब देखना होगा कि यह जांच कमेटी डिपो पर ताला और नोटिस चस्पा कर जाने के बाद क्या गरीब लोगों को साफ और अच्छा गेहूं उपलब्ध हो पाएगा या फिर यह विभाग द्वारा की गई खानापूर्ति ही साबित होगी यह तो डीप धार के आने के बाद ही साफ हो पाएगा।

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