रेवाड़ीः धारूहेड़ा तहसील में चल रहे धोखाधड़ी के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. धोखाधड़ी के (Second FIR on Dharuhera Tehsildar) एक दूसरे मामले में तहसीलदार, आरसी और एक बिल्डर सहित 10 लोगों पर 7 दिनों के अंदर दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर एसीजेएम पीयूष शर्मा की अदालत के आदेशों पर हुई है. गुरुग्राम की न्यू कॉलोनी में रहने वाले विनोद कुमार यादव ने गांव गढ़ी अलावलपुर स्थित अपनी 4 एकड़ से ज्यादा जमीन का कोलैबोरेशन एग्रीमेंट वर्ष 2012 में दिल्ली के बिल्डर मैसर्स गोपाल हाईटेक इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड से किया था.
साल 2016 तक टाउनशिप बनाने का प्रोजेक्ट पूरा करना था लेकिन समय पर टाउनशिप विकसित (fir on Ms Hitech Gopal Infra rewari) नहीं हुई. जमीन मालिक विनोद यादव ने समय पर टाउनशिप विकसित ने होने के चलते अपनी जरनल पावर ऑफ अटॉर्नी कैंसिल करा दी थी. आरोप है कि बिल्डर ने धारूहेड़ा उप तहसील के नायब तहसीलदार श्याम सुंदर, आरसी रूप चंद के साथ सांठगांठ कर जीपीए रिन्यू करवा ली थी. जीपीए रिन्यू होने की जानकारी विनोद कुमार को मिली तो उसने उच्च अधिकारियों को जीपीए रद्द करवाने और तहसीलदार, आरसी और बिल्डर पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
विनोद की किसी ने नहीं सुनी और फिर उसने जिला अदालत में इस्तगासा दायर किया था. अदालत ने अब (fake GPA case rewari) आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अदालत के निर्देश पर तहसीलदार श्याम सुंदर, आरसी रूपचंद, मैसर्स हाईटेक गोपाल इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के विकास बिश्नोई, अशोक गुप्ता, महेश शर्मा के खिलाफ धारा 120 बी, 419, 420, 465, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया है. 7 अगस्त को भी इन्ही आरोपियों के खिलाफ गढ़ी अलावलपुर के ही वकील भगत सिंह की शिकायत पर अदालत ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. भगत सिंह की 26 एकड़ जमीन का भी आरोपियों ने धोखाधड़ी से जीपीए रिन्यू करवाया था.