रेवाड़ी: जिले में चिटफंड कंपनी (Fraud Case in rewari) द्वारा लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दरअसल एक फर्जी चिटफंड कंपनी ने जिले में कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की थी. चिटफंड में इन्वेस्ट (rewari chit fund case) करने वाले लोगों को प्लॉट और रुपये दोगुने करने का झांसा दिया गया था. इन्वेस्ट का समय पूरा होने के बाद भी लोगों के हाथ कुछ नहीं लगा. कंपनी ने लोगों को जो बॉन्ड और कागजात दिए थे, वो भी कंपनी से जुड़े शातिर ठग लेकर फरार हो गए. जिसके बाद अब मॉडल टाउन थाना पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है.
मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी शहर में बावल रोड पर वर्ष 2011 में रेवाड़ी ऑफ कर्मभूमि रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (rewari chit fund company case) के नाम से एक कार्यालय खुला था. इसमें रेवाड़ी के गांव खोरी निवासी सुरेन्द्र कुमार बतौर ब्रांच मैनेजर और गुमीना निवासी निर्मल कुमार, राजस्थान के अलवर निवासी विजय कुमार, उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी राजेश्वरी सैंगर विभिन्न पदों पर कार्यरत थे. उस वक्त कंपनी ने लोगों को झांसे में लेने के लिए कई तरह के पैंतरे अपनाए. पैसा दोगुना करने से लेकर प्लॉट देने तक की पेशकश की गई. कंपनी के झांसे में कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई डुबा दी.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि रेवाड़ी में चिटफंड कंपनी ने करीब 65 लोगों के साथ ठगी की गई है. कंपनी की तरफ से पैसे जमा कराने के बदले बकायदा इन्हें बॉन्ड भी भरकर दिए गए, लेकिन 2 साल का वक्त पूराा होने के बाद इन लोगों को न तो प्लॉट मिला और न ही पैसा वापस मिला. करोड़ों रुपये लौटाने का दबाव बनाने पर कंपनी ने ऑफिस बंद कर दिया. उसके बाद कंपनी के ब्रांच मैनेजर और पदाधिकारियों से लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो उनसे भरे हुए बॉन्ड वापस मंगवा लिए गए और फिर बॉन्ड और कागजात अपने कब्जे में लेने के बाद आरोपी फरार हो गए. जिसके बाद लोगों की लिखित शिकयत पर मॉडल टाउन थाना पुलिस ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी.
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