रेवाड़ी: आउटसोर्सिंग कर्मचारी एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. इन कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें पक्का कर दिया जाए या फिर उन्हें कम से कम ₹21000 प्रति माह वेतन दिया जाए.
कर्मचारियों ने खट्टर सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उन्हें अपने वायदे याद नहीं रहते सूबे की सरकार वादा करके भूल जाती है जिसको मनवाना हम कर्मचारियों को अच्छे से आता है. यदि सरकार समय रहते नहीं जागी तो आने वाली 8 जनवरी को एक बड़ा आंदोलन कर्मचारी कर सकते हैं.
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सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धनराज ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार जब से सत्ता पर काबिज हुई है तो यह लोगों से किए वायदे भूल गई है. प्रदेश में 2,75,000 कर्मचारी आज आउटसोर्सिंग पर काम कर रहें है. आज पूरे प्रदेश भर में कर्मचारी सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ एक नोटिस-डे मनाया जा रहा है. यदि सरकार अब भी कर्मचारियों की जायज मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे.
कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देगी तो वह दिल्ली में एक बड़ी कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेंगे और देश के 25 करोड़ से भी ज्यादा कर्मचारी सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे. अब देखना ये होगा कि सरकार इन कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई ठोस कदम उठाती है या फिर इनका सामना करेगी.
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