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शहीद की वीरांगना ने दी सेना मेडल लौटाने की चेतावनी, ये है पूरा मामला - rewari news

रेवाड़ी में शहीदों की याद में बनाए गए स्मारक के सामने प्रशासन द्वारा बस क्यू शेल्टर का निर्माण किया गया है. शहीद की वीरांगना, परिजन और ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध किया है. वहीं शहीद की पत्नी का कहना है कि उसके साथ पुलिस ने बदसलूकी की है, अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वो सेना मेडल वापस लौटा देगी.

rewari martyr wife army medal
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Published : Feb 19, 2021, 7:57 PM IST

रेवाड़ी: शहीद स्मारक के सामने विभाग द्वारा भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बस क्यू शेल्टर बनाने का विरोध करने पर शहीद के परिवारों के साथ जो अमानवीय व्यवहार पुलिस द्वारा किया गया, उसको लेकर परिजन और ग्रामीण बेहद गुस्से में हैं. शहीद की वीरांगना ने आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई ना करने पर सेना मेडल लौटाने की चेतावनी दी है.

बस क्यू शेल्टर के निर्माण के विरोध में जब शहीद के परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे तो पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए मारपीट की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. शहीद परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.

2009 में बना था शहीद स्मारक

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी के गांव डहीना के संदीप यादव जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और 2007 में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. उनकी शहादत को लेकर मरणोपरांत उन्हें सेना मेडल से नवाजा गया था. इसी तरह गांव के ही सीआरपीएफ के सिपाही रामफल यादव वर्ष 2002 में बारामूला कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. इन दोनों शहीदों की स्मृति में वर्ष 2009 में गांव के पार्क में स्मारक का निर्माण किया गया था. जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने किया था.

ये भी पढे़ं- हरियाणा सरकार बना रही है विश्वस्तरीय सुविधाओं वाले शहरों का मास्टर प्लान, उपमुख्यमंत्री ने की बैठक

इस मामले में उस समय नया मोड़ आया जब इस शहीद स्मारक (पार्क) के ठीक सामने दो दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग ने बस क्यू शेल्टर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया. एसडीओ राजकुमार ने बताया कि इसके निर्माण के आदेश जिला उपायुक्त और रोडवेज महाप्रबंधक द्वारा जारी किए गए हैं.

शहीद की वीरांगना, परिजनों और ग्रामीणों ने किया विरोध

शेल्टर निर्माण को लेकर विरोध की आशंका को देखते हुए विभाग के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. हुआ भी यही, जैसे ही इस पता शहीद की वीरांगना, परिजनों और ग्रामीणों को लगा तो वो विरोध दर्ज कराने मौके पर पहुंचे और धरना देकर बैठ गए. इसके बाद भी निर्माण कार्य जारी रहा.

ये भी पढ़ें- ई-उपचार प्रणाली से जुड़ेंगे प्रदेश के लगभग 600 स्वास्थ्य केंद्र, मरीज ऑनलाइन ले सकेंगे डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट

एसडीओ ने ग्रामीणों को बताया कि यहां पहले भी बस क्यू शेल्टर बना हुआ था. इसके जर्जर होने पर पुनर्निमाण किया जा रहा है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा मौका निरीक्षण किया गया था. उनकी रिपोर्ट पर ही ये शेल्टर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और एक शहीद की पत्नी और परिवार वालों ने शेल्टर निर्माण में बाधा खड़ी करने का प्रयास किया.

पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, वीडियो वायरल

आरोप है कि पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए शहीद के परिवार और अन्य लोगों के साथ मारपीट की और उनके खिलाफ शांति भंग होने की धारा के तहत गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ दिया. इस मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. आखिर में आनन-फानन में बस क्यू शेल्टर का निर्माण कार्य एक ही दिन में पूरा कर दिया गया.

ये भी पढे़ं- ऐतिहासिक धरोहर: 1843 में आयरिश फौजियों के लिए बना था ये चर्च, जानें क्यों है खास?

शहीद की पत्नी मंजू देवी का आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ धक्कामुक्की की और उन्हें जबरन उठाकर ले गए. उन्होंने कहा कि वो इस शेल्टर का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसे अन्य स्थान पर बनाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन प्रशासन मूर्ति के आगे ही शेल्टर बना रही है. उनकी मांग है कि संबंधित डहीना चौकी के पुलिस अधिकारी के खिलाफ एक सप्ताह में अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वो सेना मेडल लौटा देंगी.

रेवाड़ी: शहीद स्मारक के सामने विभाग द्वारा भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बस क्यू शेल्टर बनाने का विरोध करने पर शहीद के परिवारों के साथ जो अमानवीय व्यवहार पुलिस द्वारा किया गया, उसको लेकर परिजन और ग्रामीण बेहद गुस्से में हैं. शहीद की वीरांगना ने आरोपी थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई ना करने पर सेना मेडल लौटाने की चेतावनी दी है.

बस क्यू शेल्टर के निर्माण के विरोध में जब शहीद के परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठे तो पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए मारपीट की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. शहीद परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.

2009 में बना था शहीद स्मारक

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी के गांव डहीना के संदीप यादव जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और 2007 में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. उनकी शहादत को लेकर मरणोपरांत उन्हें सेना मेडल से नवाजा गया था. इसी तरह गांव के ही सीआरपीएफ के सिपाही रामफल यादव वर्ष 2002 में बारामूला कश्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. इन दोनों शहीदों की स्मृति में वर्ष 2009 में गांव के पार्क में स्मारक का निर्माण किया गया था. जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने किया था.

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इस मामले में उस समय नया मोड़ आया जब इस शहीद स्मारक (पार्क) के ठीक सामने दो दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग ने बस क्यू शेल्टर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया. एसडीओ राजकुमार ने बताया कि इसके निर्माण के आदेश जिला उपायुक्त और रोडवेज महाप्रबंधक द्वारा जारी किए गए हैं.

शहीद की वीरांगना, परिजनों और ग्रामीणों ने किया विरोध

शेल्टर निर्माण को लेकर विरोध की आशंका को देखते हुए विभाग के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. हुआ भी यही, जैसे ही इस पता शहीद की वीरांगना, परिजनों और ग्रामीणों को लगा तो वो विरोध दर्ज कराने मौके पर पहुंचे और धरना देकर बैठ गए. इसके बाद भी निर्माण कार्य जारी रहा.

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एसडीओ ने ग्रामीणों को बताया कि यहां पहले भी बस क्यू शेल्टर बना हुआ था. इसके जर्जर होने पर पुनर्निमाण किया जा रहा है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा मौका निरीक्षण किया गया था. उनकी रिपोर्ट पर ही ये शेल्टर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और एक शहीद की पत्नी और परिवार वालों ने शेल्टर निर्माण में बाधा खड़ी करने का प्रयास किया.

पुलिस पर लगे गंभीर आरोप, वीडियो वायरल

आरोप है कि पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए शहीद के परिवार और अन्य लोगों के साथ मारपीट की और उनके खिलाफ शांति भंग होने की धारा के तहत गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ दिया. इस मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. आखिर में आनन-फानन में बस क्यू शेल्टर का निर्माण कार्य एक ही दिन में पूरा कर दिया गया.

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शहीद की पत्नी मंजू देवी का आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ धक्कामुक्की की और उन्हें जबरन उठाकर ले गए. उन्होंने कहा कि वो इस शेल्टर का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसे अन्य स्थान पर बनाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन प्रशासन मूर्ति के आगे ही शेल्टर बना रही है. उनकी मांग है कि संबंधित डहीना चौकी के पुलिस अधिकारी के खिलाफ एक सप्ताह में अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वो सेना मेडल लौटा देंगी.

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