रेवाड़ी: धारूहेड़ा नगर पालिका को शुक्रवार को नया चेयरमैन मिल गया. चेयरमैन के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह भी पहुंचे. 13 महीनों की कानूनी लड़ाई के बाद सर्टिफिकेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. शपथ ग्रहण पर कोई स्टे नहीं होने के चलते राज्य चुनाव आयोग ने चेयरमैन निर्वाचित हुए कंवर सिंह के शपथ का शेड्यूल जारी कर दिया था. जिसके बाद कंवर सिंह को पद की शपथ दिलाई (Dharuhera Chairman Kanwar Singh) गई.
धारूहेड़ा नगर पालिका के 27 दिसंबर 2020 को हुए चुनाव के 30 दिसंबर को आए परिणाम में निर्दलीय संदीप बोहरा को 632 वोटों से हराकर कंवर सिंह चेयरमैन का चुनाव जीते थे. संदीप बोहरा ने मतगणना के 6 दिन बाद कंवर सिंह की मार्कशीट (Dharuhera Chairman 10th Grade Certificate) को फर्जी बताते हुए याचिका दायर की थी. इसे जांच के बाद सही मानते हुए प्रदेश निर्वाचन आयोग ने मार्च 2021 में शपथ दिलवाए बिना ही कंवर सिंह के निर्वाचन का रद्द घोषित कर दिया था.
इसके बाद प्रदेश निर्वाचन आयोग ने 12 सितंबर को नपा चेयरमैन उपचुनाव करवाने का भी ऐलान कर दिया. कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 10 सितंबर 2021 को कंवर सिंह की मार्कशीट को वैधता पर अपनी मुहर लगा दी. इससे निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए 12 सितंबर को होने वाले मतदान के निर्णय को वापस लेना पड़ा. इसके बाद उपचुनाव में उतरे सात उम्मीदवारों ने फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी. अब एक बार फिर हाईकोर्ट ने चार फरवरी को होने वाली सुनवाई से पहले ही कंवर सिंह को चार फरवरी को चेयरमैन पद की शपथ दिलवाने के आदेश दे दिए हैं. अब विपक्षी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.
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बता दें कि, 632 वोटों से मिली हार के बाद संदीप बोहरा ने शपथ पत्र देकर कंवर सिंह की 10वीं की मार्कशीट को चुनौती दी थी. जिसमें कहा था कि कंवर सिंह ने दो जुलाई 1981 को दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दसवीं की परीक्षा पास करने की मार्कशीट नामांकन के साथ लगाई है. जबकि उस समय हरियाणा में कोई ऐसा बोर्ड ही नहीं था. अपने शपथ पत्र में मार्कशीट की वैधता की जांच करवाने की मांग की थी. कोसली के तत्कालीन एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया तथा उन्होंने निर्वाचन आयोग को भेजी जांच रिपोर्ट में मार्कशीट को अवैध करार दिया था. जिसके आधार पर निर्वाचन आयोग ने मार्च माह में ही कंवर सिंह को अयोग्य घोषित कर दिया था.
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