रेवाड़ी: जिले में अधिकारियों और ईंट-भट्ठा संचालकों में सांठगांठ के चलते लाइसेंस रद्द होने के बावजूद ईंटें (illegal brick kilns in rewari) बनाने का काम चल रहा है. जिले में 54 ईंट-भट्ठों का लाइसेंस रद्द हो चुका है. बावजूद इसके अधिकांश भट्ठों पर भले ही ईंट नहीं पक रही, लेकिन मिट्टी से कच्ची ईंटें बनाने का काम अब भी चल रहा है. कुछ दिन पहले सीएम फ्लाइंग (CM flying team Action in Rewari) की टीम ने कई ईंट भट्ठों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील भी किया था.
जानकारी के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा अवैध ईंट भट्ठे बावल कस्बे में चल रहे हैं. जिन ईंट भट्ठों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं. उनमें भी सबसे ज्यादा ईंट भट्ठे बावल के ही हैं. ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा तय मानक पूरा नहीं करने पर उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे. ईंट-भट्ठों को चलाने के लिए हर साल प्रदूषण, माइनिंग के अलावा अन्य कई विभागों से एनओसी लेना जरूरी होता है. रेवाड़ी में काफी सारे ऐसे भट्ठे भी हैं, जिनकी एनओसी 2018 के बाद रिन्यू ही नहीं हुई है. जिसके बाद विभाग ने इनकी लिस्ट तैयार करवाई थी और इनके लाइसेंस रद्द किए गए थे.
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सीएम फ्लाइंग ने की थी कार्रवाई: रेवाड़ी जिले में 200 से ज्यादा ईंट-भट्ठे हैं. पिछले महीने सीएम फ्लाइंग की टीम ने ईंट भट्ठों की जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. करीब 50 से ज्यादा ईंट भट्ठा संचालकों के पास भट्ठा चलाने के लिए जरूरी प्रदूषण और माइनिंग विभाग की एनओसी की नहीं मिली. जबकि इन पर ईंटें बनती हुई पाई गई, जिसके बाद उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया था.
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