रेवाड़ी: ऑनलाइन स्थानांतरण नीति रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार को आईसीडीएस सुपरवाइजर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सीआईटी को ज्ञापन सौंपकर किए गए स्थानांतरण को रद्द करने की मांग की गई.
एसोसिएशन सदस्यों ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार विभाग द्वारा कोरोना महामारी के दौरान 5 अगस्त को 312 आईसीडीएस सुपरवाइजरों का ऑनलाइन स्थानांतरण कर दिया गया. इनमें से 80 सुपरवाइजरों का स्थानांतरण 150 से 350 किलोमीटर दूर किया गया है, जो कि उचित नहीं है.
ऑनलाइन स्थानांतरण के बाद से ही सुपरवाइजरों को अपने बच्चों, बूढ़े माता-पिता, सास-ससुर की चिंता सता रही है क्योंकि वे परिवार का हिस्सा हैं और इन्हें छोड़कर इतनी दूर नहीं जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इतनी दूर जाकर नौकरी करना उनके व उनके परिवार के लिए काफी कठिनाइयां पैदा करेगा क्योंकि ट्रांसपोर्ट सुविधा अभी ठीक से पटरी पर नहीं लौटी है और उनका कार्य भी ज्यादातर फील्ड में रहता है.
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उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि स्थानांतरण नीति को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए ताकि वे अपने गृह क्षेत्र में अपना और अपनों के बीच रहकर उनका ख्याल रखते हुए चैन से अपनी सेवाएं दे सकें.
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को ऑनलाइन स्थानांतरण किए जाने के बाद वह प्रोग्राम अधिकारी संगीता यादव, विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, मंत्री डॉ. बनवारी लाल को भी अपने स्थानांतरण रद्द करने को लेकर ज्ञापन सौंपकर गुहार लगा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से सरकार इनकी मांग की अनदेखी कर रही है उससे पता चलता है कि महिलाओं को सशक्त बनाने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार बेटियों के प्रति कितनी गंभीर है.
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