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रेवाड़ी में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए 15 हजार की रिश्वत लेते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गिरफ्तार, आरोपी डॉक्टर से पूछताछ जारी

गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने रेवाड़ी में कार्रवाई (Gurugram vigilance team action in Rewari) करते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. टीम इस मामले में आरोपी डॉक्टर से भी पूछताछ कर रही है.

Gurugram vigilance team action in Rewari
रेवाड़ी में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए 15 हजार की रिश्वत लेते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गिरफ्तार
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Published : May 3, 2023, 6:22 PM IST

रेवाड़ी: गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने बुधवार को रेवाड़ी में कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को धर दबोचा. वहीं आरोपी डॉक्टर से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की एवज में 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. टीम ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वहीं टीम इस संबंध में आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी नागरिक अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा है. टीम ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से रिश्वत के 15 हजार रुपये भी बरामद कर लिए हैं. बताया जा रहा है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने डॉक्टर के कहने पर यह रिश्वत ली थी. इस संबंध में टीम आरोपी डॉक्टर से भी पूछताछ कर रही है. विजिलेंस टीम अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

पढ़ें : सोनीपत में रिश्वतखोर पटवारी गिरफ्तार, ACB ने 5 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा

टीम के अनुसार रेवाड़ी के गांव नांधा के युवक से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. इस पर पीड़ित ने उसे शनिवार को 5 हजार रुपये एडवांस दे दिए थे और 5 हजार रुपये आरोपी ने माफ कर दिए थे. रेवाड़ी जिला के गांव नांधा के रहने वाले अमित ने बताया कि उन्हें अपनी मां का दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनवाना था.

इसके लिए वह पिछले बुधवार को अपनी मां को नागरिक अस्पताल रेवाड़ी लेकर आया था. अस्पताल में पर्ची कटवाने के बाद वह बुधवार को बोर्ड के समक्ष पहुंचे. आरोप है वहां पर डॉ. साहिल यादव व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राहुल ने अमित से प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में 25 हजार रुपये की मांग की. अमित ने उन्हें पांच हजार रुपये दे दिए. परिवादी अमित ने बताया कि शेष 15 हजार रुपये बुधवार को दिए जाने थे.

पढ़ें : करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई: हांसी का इंस्पेक्टर 1 लाख की रिश्वत लेता रंगे हाथ गिरफ्तार

इस दौरान अमित ने इसकी सूचना गुरुग्राम विजिलेंस टीम को दी. गुरुग्राम विजिलेंस ने एक टीम गठित की और एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्ति किया गया. जब परिवादी ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रुपये दिए तो वहां मौजूद टीम ने उसे धर दबोचा. पीड़ित परिवार ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिश्वत के रुपयों के लिए उनके घर तक पहुंच गया था.

रेवाड़ी: गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने बुधवार को रेवाड़ी में कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को धर दबोचा. वहीं आरोपी डॉक्टर से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने की एवज में 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. टीम ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वहीं टीम इस संबंध में आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी नागरिक अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा है. टीम ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से रिश्वत के 15 हजार रुपये भी बरामद कर लिए हैं. बताया जा रहा है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने डॉक्टर के कहने पर यह रिश्वत ली थी. इस संबंध में टीम आरोपी डॉक्टर से भी पूछताछ कर रही है. विजिलेंस टीम अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

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टीम के अनुसार रेवाड़ी के गांव नांधा के युवक से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. इस पर पीड़ित ने उसे शनिवार को 5 हजार रुपये एडवांस दे दिए थे और 5 हजार रुपये आरोपी ने माफ कर दिए थे. रेवाड़ी जिला के गांव नांधा के रहने वाले अमित ने बताया कि उन्हें अपनी मां का दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनवाना था.

इसके लिए वह पिछले बुधवार को अपनी मां को नागरिक अस्पताल रेवाड़ी लेकर आया था. अस्पताल में पर्ची कटवाने के बाद वह बुधवार को बोर्ड के समक्ष पहुंचे. आरोप है वहां पर डॉ. साहिल यादव व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राहुल ने अमित से प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में 25 हजार रुपये की मांग की. अमित ने उन्हें पांच हजार रुपये दे दिए. परिवादी अमित ने बताया कि शेष 15 हजार रुपये बुधवार को दिए जाने थे.

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इस दौरान अमित ने इसकी सूचना गुरुग्राम विजिलेंस टीम को दी. गुरुग्राम विजिलेंस ने एक टीम गठित की और एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्ति किया गया. जब परिवादी ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रुपये दिए तो वहां मौजूद टीम ने उसे धर दबोचा. पीड़ित परिवार ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिश्वत के रुपयों के लिए उनके घर तक पहुंच गया था.

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