रेवाड़ी : हरियाणा के रेवाड़ी नगर परिषद (Rewari Municipal Council) में 8 महीने पहले एनडीसी जारी करने की एवज में 2 लाख रुपये मांगने के मामले में गुरुग्राम विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है. विजिलेंस टीम ने रेवाड़ी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एसडीओ नंदलाल और उनके बेटे नगर परिषद के ME सोहन लाल यादव को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को शुक्रवार दोपहर में रेवाड़ी कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस मामले में नामजद रेवाड़ी नगर परिषद के EO अभे सिंह यादव 2 महीने पहले सस्पेंड हो चुके हैं.
दरअसल, रेवाड़ी के रहने वाले जगदीश उर्फ जग्गी नाम के शख्स से एनडीसी की एवज में 2 लाख रुपये रिश्वत मांगी गई थी. इस मामले में 29 मार्च 2022 को गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरो (Gurugram Vigilance Bureau) ने एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले विजिलेंस ने रेवाड़ी नगर परिषद (Rewari Municipal Council) के कार्यकारी अधिकारी अभे सिंह यादव, ME सोहन और उनके पिता नंदलाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद विजिलेंस ब्यूरों ने रेवाड़ी पहुंचकर रिकॉर्ड भी खंगाला था, लेकिन इसके बाद से ही मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था. दो महीने पहले सरकार ने इसी मामले में ईओ अभे सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया था. जबकि एमई व उनके पिता नंदलाल लगातार ड्यूटी कर रहे थे.
दिसंबर में रिटायर होने वाले थे एसडीओ नंदलाल- बताया जा रहा है कि रेवाड़ी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट (Rewari Public Health Department) में काम करने वाले एसडीओ नंदलाल दिसंबर महीने में रिटायर होने वाले थे. विजिलेंस ब्यूरो गुरुग्राम को शिकायत करने वाले जगदीश ने बताया था कि उनके चाचा रविन्द्र ने अपने बेटे के नाम लिए प्लॉट की ट्रांसफर परमिशन के लिए दिसंबर 2021 में आवेदन करना था. इसके लिए उन्हें नगर परिषद से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट की जरूरत थी. उन्होंने नगर परिषद के बाहर स्थित CSC सेंटर से ऑनलाइन आवेदन किया लेकिन कई दिनों तक उनके पास नोड्यूज से संबंधित कोई मैसेज नहीं आया. इसके बाद ऑनलाइन अप्लाई करने वाले व्यक्ति ने 20 हजार रुपये की डिमांड करते हुए काम कराने की बात की. जगदीश ने बताया कि उसने 10 हजार रुपये एडवांस भी दे दिए लेकिन काम नहीं होने पर पैसे वापस मिल गए.
रेवाड़ी नगर परिषद (Rewari Municipal Council) के पटवारी से मिलने पर उसने भी 5 हजार मांगे तो उसे 1 हजार रुपये दे दिए. कुछ दिन बाद जब रजिस्टर देखा तो फाइल जेई और उसके बाद एमई, सचिव और ईओ के पास जा चुकी थी लेकिन काम नहीं हुआ तो वह ईओ अभे सिंह से मिले. ईओ ने कुछ आपत्तियां लगाते हुए फाइल रिजेक्ट कर दी.
2 लाख रुपए मांगे गए- शिकायतकर्ता जगदीश ने बताया था कि उन्होंने प्रॉपर्टी आईडी चेक की तो उसमें 1 हजार वर्ग गज प्लॉट की आईडी मिली. जबकि उनके 2 प्लॉट का कुल साइज 1 हजार 44 वर्ग गज था. 24 जनवरी 2022 को प्रॉपर्टी आईडी में रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए फाइल लगाई गई. 5 फरवरी 2022 को उसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसी तरह 4 बार और लगाई गई फाइल भी रिजेक्ट हो गई.
जगदीश की मानें तो एमई सोहन ने 2 लाख रुपये में काम हो जाने की बात कहते हुए घर बुलाया था. जब वे एमई के घर पहुंचे तो वहां पर उनके पिता पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के SDO नंदलाल मिले. नंदलाल को 2 लाख रुपये में डील हो जाने की बात बताई. नंदलाल ने फोन पर एमई सोहन से बात की और जगदीश का काम करने की बात कही साथ ही बताया कि 2 लाख रुपए में एमई, जेई, एक्सईएन, ईओ, बीआई सभी आ गए हैं. नंदलाल से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग विजिलेंस ब्यूरो को दी गई. विजिलेंस ने ईओ अभे सिंह, एमई सोहन, एमई के पिता SDO नंदलाल के खिलाफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7ए के तहत केस दर्ज किया.