रेवाड़ी: हरियाणा के पानीपत से 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी. तब लगा था कि आज के बाद बेटियों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी. लेकिन आज भी रेवाड़ी की इन बेटियों को शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. आखिर बेटियों की पढ़ाई पर हरियाणा सरकार ध्यान क्यों नहीं दे रही है.
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गुरुवार को जिले के राजकीय सीनियर सैकेंडरी कन्या स्कूल स्थित सेक्टर-4 की करीब 150 छात्राओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. क्योंकि इनके स्कूल में पिछले तीन महीनों से संस्कृत पढ़ाने वाला कोई भी अध्यापक नहीं होने से पढ़ाई में बाधा आ रही है. छात्राओं का कहना है कि उनकी शिकायत का समाधान करने की बजाय अध्यापक उन्हें दूसरे स्कूल में जाकर पढ़ने को बोलते हैं.
छात्राओं की मजबूरी है कि वो दूसरे स्कूल में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकती है, क्योंकि उनके परिजन उन्हें यहां भी बड़ी मुश्किल से भेजते हैं. अब डिप्टी शिक्षा अधिकारी संतोष यादव ने उन्हें आश्वासन दिया है की साहब के आने के बाद दो दिन में ही उनकी समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.
अब देखना होगा की बेटियों को शिक्षित करने का दम भरने वाली मनोहर सरकार क्या इन छात्राओं को टीचर उपलब्ध करा पाएगी या फिर छात्राओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडराते रहेंगे.