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रेवाड़ी में राखियों की हो रही फ्री होम डिलीवरी - राखी होम डिलीवरी रेवाड़ी

कोरोना संक्रमण का असर इस बार रक्षा बंधन पर भी देखा जा रहा है. कोरोना के भय से बहनें घरों से बाहर राखी खरीदने नहीं आ रहीं है. ऐसे में रेवाड़ी के दुकानदार उनके लिए राखियों की फ्री होम डिलीवरी कर रहे हैं.

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रेवाड़ी में राखियों की हो रही फ्री होम डिलीवरी
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Published : Jul 31, 2020, 5:36 PM IST

रेवाड़ी: कोरोना संक्रमण के बीच मनाए जा रहे भाई-बहन के प्यार के अटूट बंधन वाले रक्षा बंधन के पवित्र पर्व पर इस बार बाजारों में पिछले साल जैसी रौनक नहीं है. बाजारों में ग्राहक भी कम आ रहे हैं. हर वर्ष रक्षाबंधन पर मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता व बड़ौदा की बनी राखियां बहनों को अपनी ओर आकर्षित करती थी, लेकिन इस बार माल नहीं आने की वजह से बहनें अपने भाइयों के लिए सामान्य राखियां ही खरीद रही हैं.

वहीं चीन से विवाद के बाद दुकानदारों और खरीदारों ने चाइना की बनी राखियों का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी राखियों को अपनाया है. ताकतवर राफेल वाली राखियां भी बहनों को अपनी और आकर्षित कर रहीं है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राफेल वाली राखी बांधकर उन्हें राफेल जितना ताकतवर बनाना चाहती हैं.

रेवाड़ी में राखियों की हो रही फ्री होम डिलीवरी.

कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश देते हुए सुधीर जनरल स्टोर की ओर से इस साल बहनों के लिए फ्री होम डिलीवरी की जा रही है. दुकानदार प्रोमिला देवी ने बताया कि इस साल बाहर से माल नहीं आ रहा है. इसलिए उन्होंने खुद ही राखियां बनाई हैं. जो महिलाएं कोरोना की वजह से घर पर बेकार बैठी थीं. उन्हें भी इस रक्षाबंधन पर काम दिया गया है.

स्वदेशी राखियों को भी बहनों ने पसंद किया है. कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश देते हुए रक्षा सूत्र के साथ मास्क वाली राखियां भी लोगों को खूब लुभा रही हैं. राखियों की खरीदारी कर रहीं बहनों ने बताया कि वो अपने भाई की कलाई पर सबसे सुंदर राखी बांधने की होड़ में राखियों का चयन कर रही हैं. इस साल चीन निर्मित राखियों का बहनों ने बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को अपनाया गया है.

ये भी पढ़ें: पलवल के 101 मंदिरों से राम मंदिर के लिए रजकण किए गए एकत्रित

रेवाड़ी: कोरोना संक्रमण के बीच मनाए जा रहे भाई-बहन के प्यार के अटूट बंधन वाले रक्षा बंधन के पवित्र पर्व पर इस बार बाजारों में पिछले साल जैसी रौनक नहीं है. बाजारों में ग्राहक भी कम आ रहे हैं. हर वर्ष रक्षाबंधन पर मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता व बड़ौदा की बनी राखियां बहनों को अपनी ओर आकर्षित करती थी, लेकिन इस बार माल नहीं आने की वजह से बहनें अपने भाइयों के लिए सामान्य राखियां ही खरीद रही हैं.

वहीं चीन से विवाद के बाद दुकानदारों और खरीदारों ने चाइना की बनी राखियों का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी राखियों को अपनाया है. ताकतवर राफेल वाली राखियां भी बहनों को अपनी और आकर्षित कर रहीं है. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राफेल वाली राखी बांधकर उन्हें राफेल जितना ताकतवर बनाना चाहती हैं.

रेवाड़ी में राखियों की हो रही फ्री होम डिलीवरी.

कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश देते हुए सुधीर जनरल स्टोर की ओर से इस साल बहनों के लिए फ्री होम डिलीवरी की जा रही है. दुकानदार प्रोमिला देवी ने बताया कि इस साल बाहर से माल नहीं आ रहा है. इसलिए उन्होंने खुद ही राखियां बनाई हैं. जो महिलाएं कोरोना की वजह से घर पर बेकार बैठी थीं. उन्हें भी इस रक्षाबंधन पर काम दिया गया है.

स्वदेशी राखियों को भी बहनों ने पसंद किया है. कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश देते हुए रक्षा सूत्र के साथ मास्क वाली राखियां भी लोगों को खूब लुभा रही हैं. राखियों की खरीदारी कर रहीं बहनों ने बताया कि वो अपने भाई की कलाई पर सबसे सुंदर राखी बांधने की होड़ में राखियों का चयन कर रही हैं. इस साल चीन निर्मित राखियों का बहनों ने बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को अपनाया गया है.

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